उमर की टिप्प्णी के बाद नेकां और विपक्षी दलों के बीच वाकयुद्ध
राजकुमार अविनाश
- 25 Feb 2025, 09:05 PM
- Updated: 09:05 PM
श्रीनगर, 25 फरवरी (भाषा) जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ नेशनल कांन्फ्रेंस (नेकां) और विपक्षी दलों के बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की एक टिप्पणी के बाद वाकयुद्ध शुरू हो गया।
उमर अब्दुल्ला ने अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक की बढ़ी सुरक्षा को इस केंद्र शासित प्रदेश में अलगाववादी गतिविधियों में कमी से जोड़ा था।
जहां पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और पीपुल्स कांन्फ्रेंस के नेताओं ने अब्दुल्ला पर पिछले साल के चुनाव के दौरान किए गए वादों से पलटने का आरोप लगाया, वहीं नेकां ने अपने नेता का बचाव किया और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने विपक्ष पर ‘आकाश से तारे तोड़ने जैसी’ कवायद का आरोप लगाया।
टेलीविजन चैनल ‘न्यूज 18 इंडिया’ पर एक परिचर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 के बाद से (जम्मू-कश्मीर में) अलगाववादी गतिविधियों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि पहले यह सोचना भी असंभव था कि मीरवाइज को सीआरपीएफ सुरक्षा प्रदान किया जाएगा।
पुलवामा से पीडीपी विधायक वहीद पारा ने ‘एक्स’ पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिसकर्मी और सीआरपीएफ के जवान कश्मीर में मस्जिदों, दरगाहों और कब्रों की देखभाल कर रहे हैं, लेकिन केवल मीरवाइज का ही उल्लेख करने से उन्हें अधिक खतरा होगा।
पारा ने कहा, ‘‘अगर कश्मीर आज शांत दिख रहा है, तो इसकी वजह यूएपीए और पीएसए जैसे कानूनों का लागू होना, एनआईए की गतिविधियां, घरों और संपत्तियों की जब्ती ....आदि है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह आपके चुनाव अभियान और घोषणापत्र से पूरी तरह से पलट जाने को दर्शाता है। अब (इन कदमों का) आपका समर्थन कश्मीरियों के खिलाफ कठोर रुख के अलावा और कुछ नहीं है।’’
वैसे नेकां ने आधिकारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने कहा कि अनावश्यक विवाद पैदा करने के लिए अब्दुल्ला की टिप्पणी को संदर्भ से परे हटकर देखा गया।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता ‘आसमान से तारे तोड़ने’ जैसी कवायद कर रहे हैं।
बाद में नेकां ने एक पोस्ट में दोहराया कि मुख्यमंत्री ने अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए इसके महत्व पर चर्चा की थी। पार्टी ने विपक्ष के बयान के जवाब में साक्षात्कार का एक क्लिप साझा किया।
पारा ने कहा कि मीरवाइज को जो बढ़ी सुरक्षा दी गयी है वह केवल उनके सुरक्षा के लिए नहीं है बल्कि यह भी बताती है कि उन पर खतरा बढ़ गया है।
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने कहा कि अब्दुल्ला की भाव भंगिमा उनके कथनों के विरूद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘...मैं अनुच्छेद 370 को हटाने पर अनिच्छापूर्वक मौन समर्थन को लेकर आश्चर्यचकित नहीं हूं।’’
भाषा
राजकुमार