सीबीआई ने 6600 करोड़ रुपये के ‘गेनबिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी’ घोटाले को लेकर 60 स्थानों पर छापेमारी की
राजकुमार पवनेश
- 25 Feb 2025, 08:35 PM
- Updated: 08:35 PM
नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 6600 करोड़ रुपये के ‘गेनबिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी’ घोटाले के सिलसिले में मंगलवार को 60 स्थानों पर तलाशी ली। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में बताया कि दिल्ली एनसीआर, पुणे, चंडीगढ़, नांदेड़, कोल्हापुर और बेंगलुरु समेत कई शहरों में छापेमारी की गई, जिसमें कथित तौर पर प्रमुख आरोपियों से जुड़े परिसरों को लक्षित किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि प्रमुख वेबसाइट ‘डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट गेनबिटक्वाइन डॉट कॉम’ समेत कई मंचों के माध्यम से यह पोंजी घोटाला किया गया और इसकी पूरी साजिश कथित रूप से अमित भारद्वाज (अब दिवंगत) और उसके भाई अजय भारद्वाज ने रची थी।
उन्होंने बताया कि 2015 में शुरू किया गया यह अवैध कारोबार ‘वेरिएबलटेक प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम से चल रहा था।
सीबीआई ने बताया कि इस योजना के तहत निवेशकों को 18 महीने की अवधि में बिटकॉइन पर प्रति माह 10 प्रतिशत का असाधारण रिटर्न देने का लालच दिया गया और उन्हें बाहरी एक्सचेंजों से डिजिटल मुद्रा खरीदने और ‘क्लाउड माइनिंग’ अनुबंधों के माध्यम से इसे ‘गेन बिटकॉइन’ में जमा करने के लिए कहा गया।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह मॉडल बहु-स्तरीय विपणन (नेटवर्किंग मार्केटिंग-एमएलएम) संरचना पर काम करता है, जो सामान्यतः पिरामिड संरचित पोंजी योजनाओं से जुड़ा होता है, जहां भुगतान नए निवेशकों को लाने पर निर्भर होता है।’’
प्रारंभिक दिनों में निवेशकों को ‘बिटक्वाइन’ में भुगतान मिलता था, जिससे यह एक आकर्षक उद्यम होने का भ्रम पैदा हुआ। हालांकि, 2017 तक नई पूंजी का प्रवाह कम होने के साथ ही यह दिखावा (भ्रम) टूटने लगा।
बयान में कहा गया है, ‘‘घाटे की लीपापोती करने के प्रयास में, ‘गेनबिटक्वाइन’ ने एकतरफा ढंग से भुगतान को अपने कथित ‘इन-हाउस क्रिप्टोकरेंसी’ में बदल दिया, जिसका मूल्य ‘बिटक्वाइन’ की तुलना में काफी कम था, जिससे निवेशक और अधिक भ्रमित हो गए।’’
घोटाले के विशाल पैमाने और जटिलता के परिणामस्वरूप जम्मू-कश्मीर से लेकर महाराष्ट्र और दिल्ली से लेकर पश्चिम बंगाल तक पूरे भारत में कई प्राथमिकियां दर्ज की गईं।
उच्चतम न्यायालय ने इस (अवैध कारोबार के) संचालन की व्यापक प्रकृति तथा इसके अंतरराष्ट्रीय प्रभाव को देखते हुए इसकी जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी।
जांच एजेंसी ने कहा,‘‘तलाशी के दौरान कुछ क्रिप्टो वॉलेट, आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। ईमेल/क्लाउड में मौजूद साक्ष्य भी जब्त किए गए हैं।’’
भाषा
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