उच्च शिक्षा समुदाय का उद्देश्य विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त करना होना चाहिए: राष्ट्रपति
आशीष नरेश
- 03 Mar 2025, 10:01 PM
- Updated: 10:01 PM
(फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, तीन मार्च (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का राष्ट्रीय लक्ष्य तभी हासिल होगा जब विश्व समुदाय भारतीय प्रयोगशालाओं में किए जा रहे कार्यों को अपनाने के लिए उत्सुक होगा।
यहां राष्ट्रपति भवन में दो दिवसीय ‘विजिटर्स कॉन्फ्रेंस’ 2024-25 का उद्घाटन करते हुए मुर्मू ने यह भी कहा कि देश के उच्च शिक्षा समुदाय की महत्वाकांक्षा यह होनी चाहिए कि संस्थानों के शोधकर्ताओं को विश्व स्तर पर मान्यता मिले।
उन्होंने कहा कि यह उद्देश्य होना चाहिए कि देश के संस्थानों के पेटेंट दुनिया में बदलाव ला सकें और विकसित देशों के छात्र उच्च शिक्षा के लिए भारत को पसंदीदा स्थान के रूप में चुनें।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के छात्र अपनी प्रतिभा से विश्व के अग्रणी शैक्षणिक संस्थानों और विकसित अर्थव्यवस्थाओं को समृद्ध करते हैं तथा उन्होंने देश में उनकी प्रतिभा का उपयोग करने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का राष्ट्रीय लक्ष्य तभी प्राप्त होगा जब विश्व समुदाय देश की प्रयोगशालाओं में किए जा रहे कार्यों को अपनाने के लिए उत्सुक होगा।
राष्ट्रपति 184 केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों की विजिटर हैं।
मुर्मू ने कहा कि किसी भी देश के विकास का स्तर उसकी शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता से झलकता है। राष्ट्रपति ने उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों से कहा कि भारत को ज्ञान अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य हासिल करने में उनकी अहम भूमिका है।
उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ शोध पर भी बहुत ध्यान देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार ने बहुत अच्छे उद्देश्य से राष्ट्रीय अनुसंधान कोष की स्थापना की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उच्च शिक्षा संस्थान इस महत्वपूर्ण पहल का अच्छा उपयोग करेंगे और शोध को प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने कहा कि देश के कई उच्च शिक्षण संस्थानों की वैश्विक ब्रांड वैल्यू है।
उद्घाटन सत्र के दौरान, राष्ट्रपति ने नवाचार, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास श्रेणियों में विजिटर्स पुरस्कार प्रदान किए।
नवाचार के लिए विजिटर्स पुरस्कार काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सरीपेल्ला श्रीकृष्ण को दिया गया। उन्होंने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को बढ़ावा देने के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकी में नवीन स्वदेशी नवाचार विकसित किया है।
भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए विजिटर्स पुरस्कार हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अश्विनी कुमार नांगिया को प्रदान किया गया। उन्होंने किफायती लागत पर बेहतर प्रभाव युक्त उच्च जैव उपलब्धता वाली दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स की खोज और विकास में महत्वपूर्ण अनुसंधान किया है।
जैविक विज्ञान में अनुसंधान के लिए विजिटर्स पुरस्कार दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर रीना चक्रवर्ती और पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राज कुमार को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया। प्रोफेसर चक्रवर्ती को यह पुरस्कार जलीय कृषि में उनके शोध के लिए दिया गया है, जबकि प्रोफेसर राज कुमार को विभिन्न कैंसर हॉलमार्क की खोज और सिंथेटिक एंटीकैंसर अणुओं के विकास में उनके शोध योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।
प्रौद्योगिकी विकास के लिए विजिटर्स पुरस्कार डॉ. वेंकटेश्वरलु चिंताला, गति शक्ति विश्वविद्यालय को लैंडफिल नगरपालिका मिश्रित प्लास्टिक कचरे से वाणिज्यिक पैमाने पर पेट्रोल और डीजल उत्पादन में उनके अनुसंधान योगदान के लिए प्रदान किया गया।
भाषा आशीष