अगर लगता है कि होली के रंग से धर्म भ्रष्ट होता है तो उस दिन घर से न निकलें: संभल के सीओ
सं राजेंद्र जफर जितेंद्र
- 06 Mar 2025, 08:31 PM
- Updated: 08:31 PM
संभल, छह मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के संभल कोतवाली पुलिस थाने में बृहस्पतिवार को हुई शांति समिति की बैठक में पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनुज चौधरी ने कहा कि अगर किसी को लगता है कि होली के रंग से उसका धर्म भ्रष्ट होता है तो वह उस दिन घर से ना निकले।
शांति समिति की यह बैठक होली के त्यौहार और रमजान माह में शांति सौहार्द बनाए रखने के उद्देश्य से हुई।
चौधरी ने बैठक में दोनों समुदायों के लोगों से एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करने का आग्रह किया।
चौधरी ने शांति समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “जिस प्रकार से मुस्लिम बेसब्री से ईद का इंतजार करते हैं, ठीक उसी तरह हिंदू होली की प्रतीक्षा करते हैं।”
होली का त्यौहार 14 मार्च को है और इसी दिन जुमा की नमाज भी होगी।
अधिकारी ने कहा, “ होली का दिन वर्ष में एक बार आता है, जबकि जुमा साल में 52 बार आता है। अगर किसी को लगता है होली के रंग से उसका धर्म भ्रष्ट होता है तो वह उस दिन घर से ना निकले।”
चौधरी ने निवासियों से उन लोगों को जबरदस्ती रंग ना लगाने की अपील की जो होली नहीं मनाना चाहते।
अधिकारी ने कहा कि शांति समिति की बैठक सभी स्तर पर जारी है।
चौधरी ने शरारती तत्वों को चेतावनी भी दी और कहा कि शांति व्यवस्था भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता शरवेंद्र बिक्रम सिंह ने कहा, “मुख्यमंत्री की नजरों में बने रहने के लिए अधिकारी उनकी बातों की नकल कर रहे हैं। ऐसे बयान देने वालों और खुलेआम पक्षपात करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यह निंदनीय है और अधिकारियों को भाजपा के एजेंट की तरह काम नहीं करना चाहिए।”
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई की मीडिया कमेटी के उपाध्यक्ष मनीष हिंदवी ने पुलिस अधिकारी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “कोई भी अधिकारी, चाहे वह कोई भी हो, उसे धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए; तभी इस देश में शासन ठीक से चल सकता है। अन्यथा, इससे अराजकता फैल जाएगी।”
उन्होंने कहा, “अगर किसी धर्म विशेष के लोगों ने रंग खेलने पर असहजता जताई है, तो अधिकारी का कर्तव्य है कि वह सुनिश्चित करे कि भय या असुरक्षा का माहौल न बने। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि होली भी मनाई जाए और नमाज भी शांतिपूर्वक अदा की जाए। यह कहना कि होली साल में एक बार आती है, जबकि जुमे की नमाज 52 बार होती है और जो लोग रंगों से नफरत करते हैं, उन्हें घर के अंदर रहना चाहिए, यह एक राजनीतिक बयान है।”
हिंदवी ने कहा,“वोट बैंक की राजनीति करने वाले लोग इस तरह की टिप्पणी करते हैं। एक अधिकारी के तौर पर कोई इस तरह की टिप्पणी नहीं कर सकता क्योंकि कल को वे कह सकते हैं कि वे सिर्फ हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे, मुसलमानों की नहीं।”
उन्होंने कहा, “इस पुलिस अधिकारी द्वारा दिया गया बयान बेहद निंदनीय है। मेरा मानना है कि अधिकारियों की आचार संहिता के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।”
भाषा सं राजेंद्र जफर