सीबीडीटी अभियान: करदाताओं ने 30,000 करोड़ से अधिक मूल्य की विदेशी संपत्ति, आय का किया खुलासा
रमण अजय
- 06 Mar 2025, 08:44 PM
- Updated: 08:44 PM
नयी दिल्ली, छह मार्च (भाषा) आयकर विभाग के करदाताओं के बीच ‘सबसे पहले भरोसा’ बनाने के रुख के साथ किये गये प्रयासों का सकारात्मक असर हुआ है। इसके तहत 30,000 से अधिक करदाताओं ने 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी संपत्ति और आय की घोषणा की है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस अभियान में करदाताओं के बीच ‘सबसे पहले भरोसा’ बनाने को तरजीह दी। इसके तहत विभाग ने 17 नवंबर, 2024 को एसएमएस और ईमेल भेजना शुरू किया।
सूत्रों ने बताया कि विदेशी खातों में अधिक राशि रखने वाले या ब्याज अथवा लाभांश के रूप में अधिक विदेशी आय प्राप्त करने वाले कुल 19,501 करदाताओं से संपर्क किया गया।
एसएएमएस और ईमेल के जरिये करदाताओं से अपनी विदेशी संपत्ति और आय को सही ढंग से दर्शाने के लिए अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) को संशोधित करने का अनुरोध किया गया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस अभियान से 24,678 करदाताओं ने अपने आईटीआर की समीक्षा की और 5,483 करदाताओं ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए देरी से रिटर्न दाखिल किये। करदाताओं ने 29,208 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति और 1,089.88 करोड़ रुपये की ‘अतिरिक्त’ विदेशी आय घोषित की।
कुल 6,734 करदाताओं ने आवासीय स्थिति को भी ‘संशोधित’ किया और निवासी से प्रवासी बने।
सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग ने ‘ट्रस्ट फर्स्ट’ यानी पहले भरोसा बनाने के दृष्टिकोण को अपनाया। इसके तहत कार्रवाई या सत्यापन नोटिस भेजने के बजाय करदाताओं द्वारा स्वैच्छिक अनुपालन को प्राथमिकता दी गई।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कर विभाग ने तत्काल सत्यापन या दखल देने वाली कार्रवाइयों के बजाय पहले करदाताओं पर भरोसा किया है। इससे उन्हें अपनी विदेशी आय और संपत्ति का सही और पूर्ण खुलासा करने का पर्याप्त अवसर मिला है।’’
उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत जिन करदाताओं को सही जानकारी देने के लिए प्रेरित किया गया, उनमें से लगभग 62 प्रतिशत ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने विदेशी संपत्ति और आय घोषित करने के लिए ‘स्वेच्छा से’ अपने आईटीआर को संशोधित किया है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ‘‘स्वैच्छिक आधार पर विदेशी संपत्ति और आय का खुलासा करने वाले करदाताओं की संख्या आकलन वर्ष 2024-25 में बढ़कर 2,31,452 करदाता हो गई है जो आकलन वर्ष 2021-22 में 60,000 थी।
सीबीडीटी का मानना है कि यह पहल पारदर्शिता और सहयोग को बढ़ावा देकर, अनुपालन-अनुकूल कर वातावरण को मजबूत करती है। यह सुनिश्चित करती है कि करदाता किसी भी औपचारिक सत्यापन उपाय किए जाने से पहले अपने रिटर्न को सक्रिय रूप से सही कर सकें।
आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष जागरूकता प्रयासों के कारण, स्वैच्छिक खुलासे में आकलन वर्ष 2023-24 की तुलना में उल्लेखनीय 45.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कर विभाग को सामान्य रिपोर्टिंग मानक (सीआरएस) व्यवस्था के माध्यम से विदेशों में भारतीयों द्वारा रखी गई विदेशी संपत्तियों पर आंकड़े प्राप्त होते हैं। इस व्यवस्था के तहत 125 देश भारतीय कर अधिकारियों के साथ जानकारी साझा करते हैं।
अमेरिका के साथ भी अंतर-सरकारी समझौते के तहत विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम (एफएटीसीए) के अंतर्गत इसी तरह के आंकड़ों का आदान-प्रदान होता है।
सूत्रों के अनुसार, भारत को पिछले साल सितंबर में देश के बाहर अर्जित ब्याज और लाभांश के रूप में विदेशी खातों और आय के बारे में 108 से अधिक देशों से वित्तीय जानकारी प्राप्त हुई थी।
भाषा रमण