मंत्रिमंडल की बैठक में लगी कुल 19 प्रस्तावों पर मुहर
सलीम शोभना रंजन
- 10 Mar 2025, 03:15 PM
- Updated: 03:15 PM
लखनऊ, 10 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की सोमवार को हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल के समक्ष कुल 19 प्रस्ताव आए और उन सभी को स्वीकृति प्रदान की गई।
प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने संवाददाताओं को मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल की दर से उत्तर प्रदेश में आगामी 17 मार्च से 15 जून तक गेहूं की खरीद की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इसके लिए खाद्य विभाग की विपणन शाखा समेत कुल आठ खरीद एजेंसियों द्वारा पूरे राज्य में 6500 क्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे। किसानों को मूल्य समर्थन योजना का ज्यादा से ज्यादा फायदा दिलाने के उद्देश्य से किसानों का गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदना सुनिश्चित किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए एक अन्य निर्णय में बलिया जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए नि:शुल्क जमीन का स्थानांतरण करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है।
उन्होंने बताया कि जिला कारागार की 14.05 एकड़ जमीन को चिकित्सा शिक्षा विभाग को निशुल्क हस्तांतरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इनमें से 12.39 एकड़ जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनेगा और लगभग दो एकड़ जमीन का सौंदर्यीकरण करके उस पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चित्तू पांडे का स्मारक बनाया जाएगा। उनके नाम पर ही प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज का नामकरण किया जा सकता है।
खन्ना ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए एक अन्य निर्णय के अनुसार बुलंदशहर में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना के लिए राजकीय कृषि विद्यालय के नाम दर्ज भूमि को चिकित्सा शिक्षा विभाग के पक्ष में नि:शुल्क हस्तांतरित किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदन दिया गया है।
कृषि विभाग की यह 4570 वर्ग मीटर की जमीन राजकीय कृषि विद्यालय के नाम पर बड़न तहसील के ग्राम बलीपुरा में है।
उन्होंने बताया कि एक अन्य निर्णय में इटावा के सैफई में उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत 300 शैय्या के गायनी ब्लॉक (100 शैय्या के पीडियाट्रिक ब्लॉक को शामिल करते हुए) के निर्माण के लिए पुनरीक्षित प्रायोजना की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति से संबंधित प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दे दी है।
खन्ना ने बताया कि इसके लिए व्यय वित्त समिति द्वारा तय की गई शर्तों के तहत आकलित पुनरीक्षित लागत धनराशि 23217.73 लाख रूपये के वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए एक अन्य निर्णय में 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपए मूल्य तक के भौतिक स्टांप को चलन से बाहर घोषित करने के लिए व्यवस्था निर्धारित करने के उद्देश्य से शासनादेश जारी किए जाने के संबंध में प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने अनुमोदित कर दिया है।
वित्त मंत्री ने बताया कि छह अक्टूबर 2024 को प्रदेश के कोषागारों में पांच हजार से लेकर 25 हजार मूल्य वर्ग के निष्प्रयोज्य स्टांप का कुल मूल्य 5630.87 करोड रुपए है। अब 10 हजार से 25 हजार रुपए मूल्य वर्ग के स्टांप को एक अधिसूचना के जरिए चलन से बाहर घोषित किया जाएगा और यह अधिसूचना जारी होने के बाद कोषागारों में जमा अवशेष ऐसे स्टांप पत्रों को पूर्व में निर्धारित शासनादेश के अनुरूप नष्ट करने की कार्यवाही पूरी की जाएगी ताकि भविष्य में उनका दोबारा इस्तेमाल न किया जा सके।
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित परियोजना 'असिस्टेंस फॉर एस एंड टी सेक्रेटेरिएट टू सीएसटीयूपी के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश में पिछले 25 वर्षों से काम कर रहे सात कर्मचारियों को परिषद के स्थाई कर्मचारियों की तरह सातवें वेतन आयोग के अनुरूप वेतन दिए जाने के प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।
वित्त मंत्री ने बताया कि टैक्सफेड समूह के तहत उत्तर प्रदेश सहकारी कताई मिल संघ लिमिटेड कानपुर की बंद पड़ी मिलन की जमीन के औद्योगिक इस्तेमाल के लिए उसे अप सीधा को निशुल्क हस्तांतरित किए जाने के संबंध में एक प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।
उन्होंने बताया कि पिछले दो दशकों से बंद पड़ी कताई मिलों की निष्प्रयोज्य 451.20 एकड़ जमीन के हस्तांतरण से राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक विकास के काम जल्द से जल्द शुरू किए जाएंगे। इससे स्थानीय उद्यमिता के ज्यादा से ज्यादा अवसर प्राप्त होंगे।
खन्ना ने बताया कि मंत्रिमंडल ने डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड के तहत राजधानी में डीटीआईएस की स्थापना के लिए 0.8 हेक्टेयर भूमि निशुल्क दिए जाने से संबंधित एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।
उन्होंने बताया कि 94 लाख 19 हजार 120 मूल्य की इस जमीन पर डीटीआईएस फैसिलिटी का विकास एक संयुक्त जांच केंद्र के रूप में होगा जिसका इस्तेमाल डिफेंस कॉरिडोर लखनऊ नोड के तहत स्थापित रक्षा इकाइयों द्वारा अपने उत्पादों का परीक्षण एवं प्रमाणन करने के लिए किया जाएगा।
भाषा सलीम शोभना