सिद्धरमैया ने सार्वजनिक ठेकों में मुसलमानों को 4 प्रतिशत कोटा देने के सरकार के कदम का बचाव किया
प्रशांत अविनाश
- 14 Apr 2025, 08:43 PM
- Updated: 08:43 PM
(तस्वीर के साथ)
बेंगलुरु, 14 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सार्वजनिक ठेकों में मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण देने के उनकी सरकार के कदम का पुरजोर बचाव करते हुए सोमवार को सवाल किया कि ऐसा क्यों नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर लोगों को ताकत देना कांग्रेस पार्टी का मिशन और प्रतिबद्धता है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उन पर उच्च वर्ग विरोधी होने का ठप्पा लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह उन लोगों के साथ खड़े हैं जिन्हें अवसरों से वंचित रखा गया है और जिन्हें न्याय नहीं मिला है।
दिलचस्प है कि मुख्यमंत्री का बचाव उस दिन आया है, जब हरियाणा के हिसार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों को छीनने तथा निविदाओं के संबंध में धर्म के आधार पर आरक्षण देने का आरोप लगाया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता।
पिछले महीने विधानसभा ने ‘कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (संशोधन) विधेयक, 2025’ पारित किया था, जिसके तहत दो करोड़ रुपये तक के (सिविल) कार्यों और एक करोड़ रुपये तक के माल/सेवा खरीद ठेकों में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।
भाजपा के विरोध के बावजूद राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा पारित इस विधेयक को अब अधिनियम बनने के लिए राज्यपाल की स्वीकृति की आवश्यकता है।
सिद्धरमैया ने कहा, “दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाने के लिए हमने ठेकों में आरक्षण दिया है। पहले मैंने इसे (ठेकों के लिए) 50 लाख रुपये तक किया, फिर इसे बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया। अब हमने इसे 2 करोड़ रुपये कर दिया है - ओबीसी श्रेणी 1, 2ए और 2बी के लिए (मुस्लिम 2बी श्रेणी में आते हैं)। उन्होंने (भाजपा ने) तुष्टीकरण का आरोप लगाकर इसे बड़ा मुद्दा बना दिया।”
यहां आंबेडकर जयंती समारोह में उन्होंने कहा, “क्या मुसलमान आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत हैं? क्या वे शिक्षित हैं? क्या वे आर्थिक रूप से सक्षम हैं? फिर ऐसा क्यों नहीं किया जाना चाहिए?”
इस बात का जिक्र करते हुए कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पार्टी पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाती रही है, मुख्यमंत्री ने कहा, “जिनके पास आर्थिक और सामाजिक रूप से ताकत नहीं है, उन्हें ताकत देना - चाहे वह समाज में कोई भी हो - कांग्रेस पार्टी का मिशन और प्रतिबद्धता है।”
सिद्धरमैया ने कहा कि उन्हें “उच्च वर्ग विरोधी” बताकर झूठा प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं, मैं किसी समुदाय के खिलाफ नहीं हूं। जो लोग अवसरों से वंचित रहे हैं, जिन्हें न्याय नहीं मिला है, उनके समर्थन में खड़ा होना हमारे संविधान और बाबासाहेब आंबेडकर की शिक्षा है।”
प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस और सरकार का उद्देश्य उन लोगों का उत्थान करना है जो आर्थिक रूप से स्थिर नहीं हैं और उन्हें मुख्यधारा में लाना है तथा इसे हासिल करने के लिए पार्टी समाज के हर वर्ग पर ध्यान देगी।
उन्होंने कहा, “हमें किसी से कुछ क्यों छीनना चाहिए? हर किसी को अवसर दिया जा रहा है।”
भाषा प्रशांत