मनुष्यों के पूरे शरीर पर बाल क्यों नहीं होते? जीवविज्ञानी ने बताए कारण
(द कन्वरसेशन) जोहेब मनीषा
- 22 Apr 2025, 05:47 PM
- Updated: 05:47 PM
(मारिया चिकिना, पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय)
पिट्सबर्ग, 22 अप्रैल (द कन्वरसेशन) पशुओं की तरह मनुष्यों के पूरे शरीर पर बाल क्यों नहीं होते?
क्या आपने कभी सोचा है कि कुत्ते, बिल्ली या गोरिल्ला की तरह आपके पूरे शरीर पर मोटे बाल क्यों नहीं पाए जाते?
मनुष्य एकमात्र प्राणी नहीं है, जिसके पूरे शरीर पर बाल नहीं होते। हाथियों, गेंडों और चूहों के भी बहुत छोटे बाल होते हैं। व्हेल और डॉल्फिन जैसे समुद्री जीवों के मामले में भी यह सच है।
वैज्ञानिकों का सोचना है कि डायनासोर के दौर में रहने वाले शुरुआती जीवों के बहुत बाल हुआ करते थे। लेकिन करोड़ों वर्षों में मनुष्यों समेत कुछेक प्राणियों के बाल कम होते गए। ऐसा क्यों हुआ?
मैं एक जीवविज्ञानी हूं जो प्राणियों में बालों को नियंत्रित करने वाले जीन का अध्ययन करती हूं। मनुष्य और कुछ अन्य प्राणी अपेक्षाकृत बाल रहित क्यों होते हैं, यह एक दिलचस्प सवाल है। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि कुछ जीन सक्रिय हैं या निष्क्रिय हो चुके हैं।
बालों के लाभ
बाल और फर के कई महत्वपूर्ण काम हैं। वे जानवरों को गर्म रखते हैं, उनकी त्वचा को धूप व चोटों से बचाते हैं और उन्हें अपने आस-पास के माहौल में घुलने-मिलने में मदद करते हैं।
वे परिवेश को महसूस करने में भी जानवरों की सहायता करते हैं। जब कोई चीज आपको छूने वाली हो तो क्या आपको कभी गुदगुदी महसूस हुई है? आपके बाल ही हैं जो आपको आस-पास की चीजों का पता लगाने में मदद करते हैं।
मनुष्यों के शरीर पर बाल होते हैं, लेकिन यह आम तौर पर बालों वाले दूसरे प्राणियों की तुलना में कम घने और महीन होते हैं।
एक उल्लेखनीय अपवाद हमारे सिर के बाल हैं, जो संभवतः खोपड़ी को धूप से बचाने का काम करते हैं। मानव वयस्कों में, बाहों के नीचे और पैरों के बीच विकसित होने वाले घने बाल संभवतः त्वचा के घर्षण को कम करते हैं और पसीने को फैलाकर ठंडक प्रदान करते हैं।
तो बाल बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। मनुष्यों के पहले की तुलना में इतने ज्यादा बाल खोने के पीछे कोई मजबूत विकासवादी कारण रहा होगा।
मनुष्य के बाल क्यों कम होते गए?
इसकी शुरुआत करीब 70 लाख साल पहले हुई, जब इंसानों और चिम्पांजी ने अलग-अलग विकासवादी रास्ते अपनाए। हालांकि वैज्ञानिक इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि मनुष्यों के बाल कम क्यों हुए, लेकिन हमारे पास पसीने से जुड़े कुछ मजबूत सिद्धांत हैं।
मनुष्यों में चिम्पांजी और अन्य प्राणियों की तुलना में पसीने की कहीं ज्यादा ग्रंथियां होती हैं। पसीना शरीर को ठंडा रखता है। जब आपकी त्वचा से पसीना बहता है, तो ऊष्म ऊर्जा आपके शरीर से बाहर निकल जाती है। यह शीतलन प्रणाली संभवतः शुरुआती मानवों के लिए महत्वपूर्ण थी, जो अफ्रीका के गर्म सवाना क्षेत्र में रहते थे।
बेशक, इस समय गर्म जलवायु में रहने वाले बहुत से स्तनधारी जीव हैं, जिनके फर होते हैं। प्रारंभिक मनुष्य गर्मी में लंबे समय तक पीछा करके जानवरों को थकाकर शिकार करते थे। यह शिकार की एक दृढ़ रणनीति मानी जाती थी।
मनुष्यों को शिकार किए गए जानवरों से ज्यादा तेज होने की जरूरत नहीं थी। उन्हें बस तब तक चलते रहना होता था जब तक कि उनका शिकार गर्मी और थकान के कारण भाग न सके। बहुत अधिक पसीना आने और घने बाल न होने के कारण यह सहनशीलता संभव हो पाई।
बालों को नियंत्रित करने वाले जीन
स्तनधारियों में बालों की समस्या को बेहतर तरीके से समझने के लिए, मेरी शोध टीम ने 62 अलग-अलग स्तनधारियों की आनुवंशिक जानकारी की तुलना की, जिसमें मनुष्य से लेकर आर्मडिलोस, कुत्ते और गिलहरी शामिल हैं। इन सभी अलग-अलग प्रजातियों के डीएनए को एक साथ जोड़कर, हम शरीर के बालों को बनाए रखने या खोने से जुड़े जीन पर ध्यान केंद्रित कर पाए।
हमने जो अनेक खोज कीं, उनमें हमने पाया कि मनुष्य में अभी भी पूरे बाल के लिए आवश्यक सभी जीन विद्यमान हैं, लेकिन वे केवल मंद हो गए हैं या बंद हो गए हैं।
"ब्यूटी एंड द बीस्ट" नामक फिल्म में बीस्ट (पशु रूपी किरदार) घने फर से ढका हुआ है, जो शुद्ध कल्पना जैसा लग सकता है।
लेकिन वास्तविक जीवन में कुछ दुर्लभ स्थितियों के कारण लोगों के शरीर पर बहुत सारे बाल उग सकते हैं।
‘हाइपरट्रिकोसिस’ नामक यह स्थिति बहुत ही असामान्य है। इससे पीड़ित लोगों के रूप की वजह से इसे "वेयरवोल्फ सिंड्रोम" कहा जाता है।
1500 के दशक में, पेट्रस गोंसाल्वस नामक एक स्पेनिश व्यक्ति हाइपरट्रिकोसिस रोग के साथ पैदा हुआ था। बचपन में उसे एक जानवर की तरह लोहे के पिंजरे में रखकर फ्रांस के हेनरी द्वितीय को उपहार के रूप में भेजा गया था।
राजा को जल्द ही एहसास हो गया कि पेट्रस भी आम लोगों की तरह ही है और उसे शिक्षित किया जा सकता है। बाद में उसने एक महिला से शादी कर ली। इस कहानी को “ब्यूटी एंड द बीस्ट” फिल्म में दिखाया गया है।
हालांकि आप शायद कभी किसी ऐसे व्यक्ति से नहीं मिले होंगे जिसके पास यह दुर्लभ विशेषता हो, लेकिन यह दर्शाता है कि कैसे जीन बालों के विकास में अनोखे और आश्चर्यजनक परिवर्तन ला सकते हैं।
(द कन्वरसेशन) जोहेब