भतीजे अजित के साथ मुलाकात पर पवार ने कहा- ‘लोगों के मुद्दों पर चर्चा करने में कुछ भी गलत नहीं’
प्रीति रंजन
- 22 Apr 2025, 06:08 PM
- Updated: 06:08 PM
पुणे, 22 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्रपवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने अपने भतीजे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ हाल में हुई मुलाकात के बाद दोनों दलों के फिर से एक साथ होने संबंधी अटकलों को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि लोगों से संबंधित मुद्दों पर राज्य सरकार के प्रतिनिधियों से बात करने में कुछ भी गलत नहीं है।
पवार ने बारामती में पत्रकारों से बात करते हुए महाराष्ट्र में व्याप्त जल संकट पर चिंता जताई और अगले कुछ महीनों में पानी का सही तरीके से इस्तेमाल किए जाने की सलाह दी।
पवार ने एक पखवाड़े में उपमुख्यमंत्री से तीन बार मुलाकात की है।
पुणे में कृषि और चीनी उद्योग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के उपयोग पर चर्चा करने के वास्ते दोनों नेताओं द्वारा एक मंच साझा किए जाने के बाद राजनीतिक हलकों में दोनों दलों (राकांपा-राकांपा (एसपी)) के फिर से एक साथ आने की अटकलें तेज हो गईं।
शरद पवार ने कहा कि पुणे में सोमवार को हुई बैठक में चीनी उत्पादन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग पर चर्चा की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले कई सालों से गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। अकेले काम करना संभव नहीं है क्योंकि सरकार की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर राज्य सरकार के प्रतिनिधियों से बात करने में कोई बुराई नहीं है।’’
पवार ने चचेरे भाईयों शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के बीच सुलह होने संबंधी अटकलों पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह उनका पारिवारिक मामला है और उन्हें (पवार) इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
राकांपा (एसपी) के प्रमुख शरद पवार, अजित पवार की पत्नी और राज्यसभा सांसद सुनेत्रा पवार और पोते युगेंद्र पवार के साथ बारामती के एक शैक्षणिक संस्थान विद्या प्रतिष्ठान में आयोजित एक बैठक में शामिल हुए थे।
युगेंद्र अपने जन्मदिन के अवसर पर सुनेत्रा पवार के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते हुए नजर आए।
जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो युगेंद्र ने कहा, ‘‘राजनीतिक मतभेद होने के बावजूद मेरे चाचा (अजित पवार) और चाची के प्रति मेरा स्नेह और सम्मान बदला नहीं है।’’
शरद पवार और अजित पवार के बीच संबंध तब खराब हो गए जब जुलाई 2023 में अजित पवार ने राकांपा को विभाजित करते हुए महायुति सरकार में शामिल हो गए थे। राकांपा के कई विधायक अजित पवार के खेमे में शामिल हो गए थे।
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