आपूर्ति शृंखला बाधित, लेकिन त्रिपुरा में खाद्य वस्तुओं, ईंधन की कोई कमी नहीं: अधिकारी
योगेश सुरेश
- 26 Jun 2025, 03:10 PM
- Updated: 03:10 PM
अगरतला, 26 जून (भाषा) असम के पहाड़ी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर भूस्खलन के कारण आपूर्ति शृंखला बाधित होने के बावजूद त्रिपुरा में चावल, गेहूं और चीनी जैसी आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त भंडार है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में त्रिपुरा के पास 86 दिनों की आपूर्ति के लायक चावल, 50 दिनों के लिए गेहूं और दाल, 22 दिनों की चीनी और 30 दिनों की आपूर्ति के अनुकूल पर्याप्त नमक उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि ईंधन का भंडार चार से पांच दिनों की मांग को पूरा कर सकता है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निदेशक सुमित लोध ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के लामडिंग-बदरपुर खंड में भूस्खलन के कारण रेलवे ट्रैक प्रभावित होने से आपूर्ति शृंखला बाधित होने के बाद हम प्रतिदिन खाद्य पदार्थ और ईंधन भंडारण की समीक्षा कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि विशेष सचिव देबप्रिय वर्धन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए बुधवार को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), रेलवे और तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड(आईओसीएल) के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
उन्होंने कहा, ‘‘आपूर्ति शृंखला में व्यवधान के बाद भी फिलहाल पीडीएस (जन वितरण प्रणाली) से संबंधित वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। हमारे पास 86 दिनों के लिए चावल, 50 दिनों के लिए गेहूं, 50 दिनों के लिए दाल, 22 दिनों के लिए चीनी और 30 दिनों के लिए नमक का भंडारण है। ईंधन का भंडारण अपेक्षाकृत कम है, क्योंकि केवल चार से पांच दिनों की मांग ही पूरी की जा सकती है।"
लोध ने कहा कि एनएफआर अधिकारियों ने युद्ध स्तर पर मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है और दावा किया कि 29 जून तक रेल सेवाएं बहाल होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि 29 जून तक संपर्क बहाल हो जाता है तो खाद्यान्नों के साथ-साथ ईंधन की मांग पूरी करने में कोई समस्या नहीं होगी। यदि समय सीमा (29 जून) बढ़ती है तो ईंधन आपूर्ति में परेशानी आएगी।’’
सरकार स्थिति को सुचारू रूप से संभालने के लिए एफसीआई, आईओसीएल और एनएफआर के संपर्क में है।
असम में बड़े पैमाने पर भूस्खलन के कारण लामडिंग-बदरपुर पहाड़ी खंड पर 23 जून से रेल सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं, जिससे मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और बराक घाटी के कुछ हिस्सों के साथ रेलवे संपर्क प्रभावित हुआ है।
भाषा योगेश