रीजीजू ने न्यायिक ढांचे और आम लोगों के लिए कानूनों को सरल बनाने की वकालत की
प्रशांत रंजन
- 10 Aug 2025, 08:38 PM
- Updated: 08:38 PM
ईटानगर, 10 अगस्त (भाषा) केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने रविवार को कहा कि न्यायिक बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से निचली न्यायपालिका में, को मजबूत किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि न्याय सुलभ, त्वरित और लोगों के अनुकूल हो।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय, ईटानगर की नवनिर्मित स्थायी पीठ की इमारत के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर निचली न्यायपालिका में। रीजीजू ने कहा कि न्यायाधीशों और वादियों के लिए अच्छी सुविधाओं की आवश्यकता है।
केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा, “हमें आम लोगों के लिए न्याय को आसान बनाना होगा और लोगों और न्याय के बीच की दूरी को कम करना होगा। न्याय अदालतों से परे भी दिया जाना चाहिए।”
मोदी सरकार के सुधारों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल में बनाए गए 1,500 से अधिक निरर्थक और अप्रचलित कानूनों को हटा दिया गया है क्योंकि वे आम लोगों के लिए अनावश्यक समस्याएं पैदा करते थे।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उद्धृत करते हुए कहा, “आम लोगों के जीवन में सरकार की उपस्थिति को कम से कम किया जाना चाहिए।”
रीजीजू ने कहा कि देश भर में पांच करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं और केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ई-कोर्ट और संबंधित बुनियादी ढांचे के लिए 7,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
उन्होंने कहा, “2021 से हमने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के लिए 21 न्यायाधीशों की नियुक्ति की है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नगालैंड में इसकी पीठों के लिए तीन-तीन न्यायाधीश शामिल हैं। 2018 तक अरुणाचल से उच्च न्यायालय का कोई न्यायाधीश नहीं था।”
अरुणाचल पश्चिम संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले रीजीजू ने राज्य के वकीलों से कानूनी जागरूकता फैलाने का आग्रह किया, क्योंकि अरुणाचल में औपचारिक न्यायिक प्रणाली देर से शुरू हुई है और प्रथागत कानूनों का प्रचलन जारी है।
समान नागरिक संहिता पर उन्होंने कहा, “यह पूरे देश के लिए है, लेकिन पूर्वोत्तर के आदिवासी राज्यों के लिए नहीं। हमने इसे यहां छूट दी है क्योंकि हम मौजूदा आदिवासी कानूनों को प्रभावित नहीं करना चाहते।”
जिला और सत्र न्यायालयों की संख्या बढ़ाने और राज्य में न्यायिक कर्मियों की संख्या में वृद्धि की आवश्यकता पर जोर देते हुए, किरेन रीजीजू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश सरकार न्यायिक व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान कर रही है।
केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा कि नया न्यायालय परिसर “कोई साधारण इमारत नहीं बल्कि न्याय का मंदिर है”।
मेघवाल ने कहा, “नया न्यायालय भवन ‘विकसित भारत’ के अनुरूप विकास का माध्यम होगा।”
भाषा प्रशांत