अरुणाचल के स्थानीय मंच ने मेगा जलविद्युत परियोजना के समर्थन की वैधता को चुनौती दी
यासिर प्रशांत
- 16 Aug 2025, 08:46 PM
- Updated: 08:46 PM
ईटानगर, 16 अगस्त (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के सियांग इंडिजेनस फार्मर्स फोरम (एसआईएफएफ) ने प्रस्तावित 11 हजार मेगावाट सियांग अपर बहुउद्देशीय परियोजना (एसयूएमपी) के लिए पूर्व-व्यवहार्यता रिपोर्ट (पीएफआर) के समर्थन में घरेलू अनुमोदन की वैधता को शनिवार को चुनौती दी और आरोप लगाया कि समर्थन करने वाले हस्ताक्षरकर्ताओं की संख्या को ‘बहुत बढ़ा-चढ़ाकर’ पेश किया गया है।
एसआईएफएफ के प्रवक्ता टैगोरी मिजे ने मीडिया को बताया कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जवाब से सामने आया है कि रीगा गांव के 429 परिवारों में से केवल 277 ने ही परियोजना का समर्थन किया है, जबकि सियांग अपर परियोजना बहुउद्देशीय बांध समिति (एसयूपीएमडीसी) ने 329 परिवारों के समर्थन का दावा किया था।
मिजे ने झूठी प्रविष्टियों के 17 मामलों का हवाला देते हुए आरोप लगाया, ‘‘सूची में कई ऐसे लोगों के नाम शामिल हैं, जिनके पास परियोजना क्षेत्र में जमीन नहीं है, जिससे सहमति प्रक्रिया दोषपूर्ण हो गई है।’’
एसयूपीएमडीसी द्वारा पांच अगस्त को यह घोषणा की गई थी कि ग्रामीणों ने पीएफआर अध्ययन के लिए अपनी ‘अपरिवर्तनीय सहमति’ दे दी है।
एसआईएफएफ ने आरटीआई के निष्कर्षों के माध्यम से प्रक्रिया में विश्वसनीयता पर सवाल उठाए और समिति पर कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) निधियों तथा अग्रिम भुगतानों के बारे में गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया है, जिसे जल विद्युत विभाग ने खारिज किया है।
फोरम ने 20 अगस्त को गेकू में पारंपरिक बोगम बोका केबांग बैठक के आयोजन की घोषणा की है। इस बैठक में सामुदायिक संगठनों, छात्र निकायों और विधायकों से संविधान के अनुच्छेद 371-एच में संशोधन की मांग का समर्थन करने का आह्वान किया गया है। यह अनुच्छेद पूर्वोत्तर राज्य को विशेष प्रावधान प्रदान करता है।
इस परियोजना की कल्पना एनएचपीसी ने 2009 में की थी और इसे भारत की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं में से एक के रूप में देखा जा रहा है। प्रस्तावित जलाशय की क्षमता लगभग नौ अरब घन मीटर है।
भाषा यासिर