भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोग के सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है: जयशंकर
देवेंद्र माधव
- 20 Nov 2025, 08:26 PM
- Updated: 08:26 PM
(फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोग के सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है, जिनमें व्यापार तथा निवेश, रक्षा तथा सुरक्षा, शिक्षा तथा कौशल, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष तथा ऊर्जा शामिल हैं।
जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया की अपनी समकक्ष पेनी वॉन्ग के साथ यहां 16वीं भारत-ऑस्ट्रेलिया विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता की अध्यक्षता की। जयशंकर ने अपने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा, ‘‘हम अपने प्रधानमंत्रियों को जो सिफारिशें देंगे, वे उनके लिए महत्वपूर्ण होंगी, जिन्हें वे शीघ्र ही मिलने पर संज्ञान में रखेंगे।’’
जयशंकर की यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका द्वारा आयोजित 20वें जी-20 समूह के नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 21 से 23 नवंबर तक जोहान्सबर्ग की यात्रा पर रहेंगे।
इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज की वेबसाइट पर जारी एक बयान के अनुसार वह 20 से 22 नवंबर तक जी-20 समूह के नेताओं के वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग की यात्रा करेंगे।
इसमें कहा गया है कि दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए, अल्बनीज ऑस्ट्रेलिया के आर्थिक और रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए विश्व के अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बताया था कि मोदी जोहान्सबर्ग में मौजूद कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं।
विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इन बैठकों के विवरण पर काम किया जा रहा है।
वॉन्ग बुधवार को दो दिवसीय भारत यात्रा पर यहां पहुंची थीं और बृहस्पतिवार शाम हैदराबाद हाउस में जयशंकर से मुलाकात की।
अपने संबोधन में जयशंकर ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘इस साझेदारी के पांच वर्ष पूरे होने पर, सहयोग की मजबूती और सहजता सभी के सामने है। हमने सहयोग के सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय विस्तार देखा है, जिनमें व्यापार तथा निवेश, रक्षा तथा सुरक्षा, शिक्षा तथा कौशल, अनुसंधान तथा नवाचार, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, ऊर्जा आदि शामिल हैं, लेकिन सबसे अधिक महत्वपूर्ण हमारे जीवंत लोगों के बीच संबंध हैं।’’
जयशंकर ने कहा कि आज की बैठक उनके लिए न केवल हासिल की गई प्रगति की समीक्षा करने का एक ‘‘उत्कृष्ट मौका’’ है, बल्कि ‘‘हमारे संबंधों के अगले चरण के लिए एजेंडा निर्धारित करने का भी अवसर है और हम अपने प्रधानमंत्रियों को जो सिफारिशें देंगे, वे उनके लिए तब महत्वपूर्ण होंगी, जब वे जल्द ही मिलेंगे।’’
दिल्ली में भारत-ऑस्ट्रेलिया विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता से पहले, विदेश मंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मेरी मित्र, विदेश मंत्री वॉन्ग का भारत में स्वागत है। हमारी बैठक की प्रतीक्षा रहेगी।’’
जयशंकर ने अपने वक्तव्य में कहा, ‘‘मैं हमारी लगातार होने वाली बैठकों को बहुत महत्व देता हूं और मेरा मानना है कि ये वास्तव में हमें चर्चाओं, संचार और समझ की एक निश्चित निरंतरता प्रदान करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता व्यापक रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभों में से एक रही है और यह निश्चित रूप से विश्वास, लोकतांत्रिक मूल्यों और एक स्वतंत्र, खुले और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए हमारे साझा दृष्टिकोण को दर्शाती है।’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी बढ़ती साझेदारी स्पष्ट रूप से हमारे प्रधानमंत्रियों के मार्गदर्शन और दूरदर्शिता का नतीजा है।’’
अपनी यात्रा से पहले, वॉन्ग ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा था कि उनकी यात्रा ‘‘दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय जुड़ाव की निरंतरता है और यह अल्बनीज सरकार के ‘हमारे संबंधों को और गहरा करने और हमारी सामर्थ्य को मजबूत करने’ के प्रयासों को दर्शाती है।’’
उन्होंने यह भी कहा था कि जयशंकर के साथ उनकी यह 26वीं बैठक होगी।
वॉन्ग ने कहा था, ‘‘मैं अपने समकक्ष और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं, ताकि हमारी साझेदारी अपने अगले चरण में प्रवेश करते हुए और भी अधिक महत्वाकांक्षी, भविष्य-केंद्रित एजेंडे की दिशा तय की जा सके।’’
भाषा
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