सीयू की कार्यवाहक कुलपति सांता दत्ता ने स्थायी कुलपति की चयन प्रक्रिया में पक्षपात का आरोप लगाया
जोहेब मनीषा
- 22 Aug 2025, 04:57 PM
- Updated: 04:57 PM
कोलकाता, 22 अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कलकत्ता विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति सांता दत्ता ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि 'अपेक्षित योग्यता' होने के बावजूद पूर्वाग्रह के कारण उन्हें स्थायी कुलपति के पद के साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया।
साल 2023 में राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस द्वारा कार्यवाहक कुलपति नियुक्त की गईं दत्ता ने संवाददाताओं को बताया कि उनके पास विभागाध्यक्ष और डीन के रूप में कई वर्षों का आवश्यक प्रशासनिक अनुभव है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय से दो स्वर्ण समेत छह पदक जीते हैं, दुर्व्यवहार व उत्पीड़न की शिकायतों को दूर करने के लिए आईसीसी समिति का नेतृत्व किया है, और वह "छात्रों व कर्मचारियों की पसंद हैं।”
उन्होंने कहा, "मैं एक गैर-राजनीतिक व्यक्ति हूं और विश्वविद्यालय के, किसी भी राजनीतिक संगठन से जुड़े सभी हितधारकों ने मुझे पसंद किया है और मेरी सराहना की है। लेकिन पहले दिन से ही मैं इस सरकार की नजर में अच्छी नहीं रही हूं। मैं एकमात्र कुलपति हूं, जिसे साक्षात्कार के लिए भी नहीं बुलाया गया। मुख्यमंत्री की ओर से गठित समिति के पैनल में मेरा नाम नहीं है। मुझे लगता है कि चयन प्रक्रिया मनमाने ढंग से की गई।"
यह पूछे जाने पर कि क्या टीएमसी की छात्र शाखा के स्थापना दिवस यानी 28 अगस्त को सेमेस्टर लॉ परीक्षाओं की तारीख नहीं बदलने के उनके फैसले से उनकी संभावनाओं पर असर पड़ा तो दत्ता ने कहा, "मुझे साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाने का फैसला परीक्षा की तारीख की घोषणा से पहले ही ले लिया गया था। लेकिन जाहिर तौर पर, परीक्षा की तारीख नहीं बदलने के फैसले से शिक्षा मंत्री और सरकार भी नाराज हो गए।"
इससे पहले, शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने परीक्षा तिथि बदलने से इनकार करने पर उनकी आलोचना करते हुए कहा था, "मुझे लगता है कि 28 अगस्त तक हमें एक और कुलपति मिल जाएगा।"
बसु ने दत्ता पर कार्यकाल से अधिक समय तक पद पर बने रहने का आरोप लगाया और दावा किया कि वह "राज्यपाल बोस और केंद्र की भाजपा सरकार के गुप्त समर्थन से अवैध रूप से अपने पद पर बनी हुई हैं।"
दत्ता ने कहा, "मैं कभी भी राजनीतिक व्यक्ति नहीं रही। समझ नहीं आ रहा कि शिक्षा मंत्री इतने दिन से मेरे खिलाफ क्यों बोल रही थे।"
उच्चतम न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में कलकत्ता विश्वविद्यालय समेत 15 राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति के लिए गठित पैनल ने 19-21 अगस्त तक शहर के एक होटल में साक्षात्कार आयोजित किए, जिसमें 20 से अधिक शिक्षाविदों को बुलाया गया था।
सूत्रों ने बताया कि सीयू के पूर्णकालिक कुलपति पद के लिए दो वरिष्ठ शिक्षाविद दावेदार हैं।
भाषा
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