घुसपैठ रोकने और बंगाल का विकास सुनिश्चित करने के लिए टीएमसी को सत्ता से हटाना होगा: प्रधानमंत्री
आशीष अविनाश
- 22 Aug 2025, 10:13 PM
- Updated: 10:13 PM
(फोटो सहित)
कोलकाता, 22 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर शुक्रवार को कड़ा प्रहार करते हुए उस पर अपनी "सत्ता की भूख" मिटाने के लिए घुसपैठ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि अवैध आव्रजन को समाप्त करने और राज्य का विकास सुनिश्चित करने के लिए तृणमूल को सत्ता से बाहर करना होगा। मोदी ने कहा कि सीमावर्ती राज्य एक "सामाजिक संकट" से जूझ रहा है, जहां जनसांख्यिकी बदल रही है, किसानों और आदिवासियों की जमीन पर अतिक्रमण हो रहा है, तथा घुसपैठ के कारण अर्थव्यवस्था दबाव में है।
उत्तर 24 परगना जिले के दमदम में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने बंगाल के लोगों से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने वोट का इस्तेमाल घुसपैठियों और सत्तारूढ़ सरकार दोनों को बाहर करने के हथियार के रूप में करने का आग्रह किया। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल की ‘‘तुष्टीकरण की राजनीति’’ ने राज्य की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है और इसके विकास को बाधित किया है।
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर केंद्रीय योजनाओं को अवरुद्ध करने, शहरी विकास को बाधित करने तथा अपने मूल नारे 'मां, माटी, मानुष' के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया, जिसने कभी उसे राज्य में सत्ता तक पहुंचाया था।
मोदी ने कहा, "यह देश अब घुसपैठियों को बर्दाश्त नहीं कर सकता। हम उन्हें भारत में नहीं रहने देंगे। जो लोग धोखे से दस्तावेज़ हासिल करके हमारे लोगों की रोज़ी-रोटी छीनने आए हैं... उन्हें यहां से जाना होगा। और इस काम को ईमानदारी से पूरा करने के लिए, तृणमूल कांग्रेस सरकार को भी जाना होगा।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "इस बार लाल किले से मैंने देश की एक बहुत ही गंभीर चिंता के बारे में बात की। किसानों को धोखा दिया जा रहा है, उनकी ज़मीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है, आदिवासियों को उनकी ज़मीन हड़पने के लिए गुमराह किया जा रहा है। इसे रोकना होगा। इसलिए मैंने घुसपैठ के खिलाफ एक विशेष जनसांख्यिकी मिशन की घोषणा की है।"
उन्होंने दावा किया, ‘‘जिस तरह से सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकी बदली जा रही है, उससे पश्चिम बंगाल में सामाजिक संकट भी पैदा हो रहा है।’’
वैश्विक घटनाक्रम का हवाला देते हुए, मोदी ने कहा कि "तथाकथित विकसित देशों ने भी घुसपैठियों के खिलाफ अपनी सख्ती बढ़ा दी है। संसाधनों की कोई कमी न होने के बावजूद, ये देश अब घुसपैठियों को बर्दाश्त नहीं कर सकते।"
उन्होंने बांग्ला भाषा के प्रचार-प्रसार में अपनी सरकार के योगदान पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार बांग्ला भाषा और संस्कृति को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह हमारा सौभाग्य है कि हमें बांग्ला भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का अवसर मिला है।"
प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी सरकार पर केंद्रीय कल्याणकारी योजनाओं में बाधा डालने और शहरी विकास को रोकने का भी आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया, "दमदम सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों में से एक है। शहरी विकास के लिए देश भर में स्मार्ट सिटी मिशन चल रहा है। लेकिन, तृणमूल कांग्रेस सरकार ने इस मिशन में शामिल होने से इनकार कर दिया है। लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, विकास ठप है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस का मिशन किसी भी तरह भाजपा को रोकना और केंद्र सरकार की योजनाओं को रोकना है।"
मोदी ने दावा किया कि बंगाल ने दशकों तक कांग्रेस, वामपंथ और तृणमूल शासन के कारण कष्ट झेले हैं और उसे एक नयी शुरुआत की सख्त जरूरत है।
उन्होंने कहा, "आज़ादी के बाद से, राज्य में लंबे समय तक कांग्रेस और बाद में वामपंथी शासन रहा। पंद्रह साल पहले, पश्चिम बंगाल के लोगों ने बदलाव चाहते हुए 'मां, माटी, मानुष' के नारे पर भरोसा जताया था। हालांकि, तब से स्थिति काफी बिगड़ गई है।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "भर्ती घोटाले से राज्य के युवाओं का भविष्य ख़तरे में पड़ गया है, जबकि महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की घटनाएं बढ़ गई हैं। भ्रष्टाचार और अराजकता तृणमूल शासन की पहचान बन गई है। यह स्पष्ट है कि जब तक यह सत्ता में रहेगी, पश्चिम बंगाल की प्रगति और विकास अवरुद्ध रहेगा।"
मोदी ने कहा कि भाजपा के पास पश्चिम बंगाल के विकास के लिए एक ठोस योजना और खाका है। उन्होंने राज्य में "परिवर्तनकारी बदलाव" का आह्वान करते हुए कहा, "तृणमूल कांग्रेस विकास की दुश्मन है।"
भाषा आशीष