एक वर्ष में 72 लाख मामलों का निस्तारण बड़ी उपलब्धि : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
आनन्द जितेंद्र
- 23 Aug 2025, 06:16 PM
- Updated: 06:16 PM
लखनऊ, 23 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को न्यायिक अधिकारियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक वर्ष में 72 लाख मामलों का निस्तारण बड़ी उपलब्धि है।
योगी आदित्यनाथ ने यहां उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के 42वें अधिवेशन में कहा कि सुशासन का लक्ष्य तभी प्राप्त हो सकता है, जब न्यायिक व्यवस्था समयबद्ध, सस्ती और सुलभ हो।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2024 में जिला एवं सत्र न्यायालय में 72 लाख मामलों का निस्तारण हुआ, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने हालांकि यह भी स्वीकार किया कि अब भी 1.15 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं, जो एक बड़ी चुनौती है।
बयान के मुताबिक, योगी ने कहा, “हमारी गति जितनी तेज होगी, आम जनमानस में विश्वास उतना ही मजबूत होगा। इसके लिए सरकार हर स्तर पर सहयोग करने को तैयार है।”
मुख्यमंत्री ने नए आपराधिक कानूनों, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का भी उल्लेख किया।
ये कानून एक जुलाई 2024 से प्रभावी हुए।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक आशंकाओं के बावजूद, न्यायिक अधिकारियों ने इन्हें तत्परता से लागू किया, जिससे ये कानून दंड पर आधारित न होकर न्याय की सुदृढ़ व्यवस्था पर केंद्रित साबित हुए।
योगी ने विश्वास जताते हुए कहा कि ये कानून भारत की न्यायपालिका व लोकतंत्र को और मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होंगे।
योगी ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के प्रति सरकार की किसी प्रकार की कोई नरमी नहीं बरतने वाली नीति का जिक्र करते हुए कहा कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) और ‘फास्ट-ट्रैक’ जैसी 381 अदालत स्थापित की गयी हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा केंद्र सरकार के सहयोग से अदालत कक्षों और आवासीय निर्माण के लिए 2023-24 में 148 करोड़, 2024-25 में 239 करोड़ और 2025-26 में 75 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जारी की गई है।
योगी ने डिजिटल बुनियादी ढांचे और आधुनिक तकनीक को न्यायिक व्यवस्था में शामिल करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
इस दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति राजन राय, न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान, उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के रणधीर सिंह, सभी जनपदों के न्यायाधीश समेत कई न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे।
भाषा आनन्द