कैग ने अहमदाबाद में पर्यावरण अनुकूल लॉन्ड्री की सराहना की
अमित माधव
- 23 Aug 2025, 06:26 PM
- Updated: 06:26 PM
नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) अहमदाबाद रेल मंडल के कांकरिया डिपो में चादर धोने के लिए स्थापित एक पर्यावरण अनुकूल यंत्रीकृत लॉन्ड्री ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) का ध्यान आकर्षित किया है। वर्ष 2022-23 के दौरान 67 चालू इकाइयों में से निरीक्षण के लिए चुनी गई 19 लॉन्ड्री में यह लॉन्ड्री सबसे किफायती, कुशल और पर्यावरण अनुकूल पायी गई।
रेल मंत्रालय ने अब वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों को स्वच्छ, स्वच्छतापूर्ण और उच्च गुणवत्ता वाली चादर प्रदान करने के उद्देश्य से 100 से अधिक यंत्रीकृत लॉन्ड्री स्थापित की हैं।
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कुल 67 यंत्रीकृत लॉन्ड्री में से 19 की कार्यप्रणाली की समीक्षा की, जिसमें से एक लॉन्ड्री को श्रेष्ठतम कार्यप्रणालियों का पालन करने वाला पाया गया। यह ऑडिट रिपोर्ट हाल ही में संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत की गई।
कैग ने कहा कि यात्रियों द्वारा उपयोग की जाने वाली चादर बाहरी इकाई के साथ अनुबंध के माध्यम से रेलवे परिसर के बाहर मशीनीकृत लांड्री, रेलवे परिसर में ‘बिल्ड ओन ऑपरेट ट्रांसफर’ (बीओओटी) मॉडल के तहत निर्मित लांड्री या रेलवे परिसर में विभागीय मशीनीकृत लांड्री में धोई जाती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘संयुक्त निरीक्षण के दौरान, आडिट में पाया गया कि पश्चिम रेलवे के कांकरिया डिपो स्थित बीओओटी लॉन्ड्री किफायती, प्रभावी और पर्यावरण अनुकूल तरीके से काम कर रही है। लॉन्ड्री में उच्च दक्षता वाले ‘थर्मिक फ्लूइड हीटर’ का उपयोग किया जाता है।’’
इसमें कहा गया है कि चादर को सही तरीके से सुखाने के लिए गर्म तेल का बंद-लूप परिसंचरण किया जाता है। इसमें कहा गया है, ‘‘यह जैव-ईंधन के उपयोग के माध्यम से पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित प्रक्रिया है, जो कम उत्सर्जन सुनिश्चित करती है। राख का उपयोग खेती के लिए खाद के रूप में भी किया जा सकता है।’’
ऑडिट करने वाली टीम ऑपरेटर द्वारा अपनाई गई जल संरक्षण पद्धति से प्रभावित हुई और कहा कि संयंत्र में भूजल का उपयोग किया जाता है, जिसे पहले मशीन द्वारा उपचारित किया जाता है ताकि इसके खारेपन को स्वीकार्य स्तर तक कम किया जा सके।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘चादर को चमकदार सफेदी प्रदान करने के लिए कच्चे पानी को ‘रिवर्स ऑस्मोसिस’ (आरओ) से उपचारित किया जाता है। चादर को धोने के बाद, उपयोग किए गए पानी को नालियों में बहाए जाने से पहले गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानदंडों के अनुरूप अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र में उपचारित किया जाता है।"
इसमें कहा गया है कि यदि उपरोक्त गतिविधियों को अन्य स्थानों पर भी दोहराया जाए तो इससे रेलवे प्रशासन को पर्यावरण अनुकूल तरीके से मशीनीकृत सफाई के लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
आडिट रिपोर्ट में रेल मंत्रालय का बयान दर्ज किया गया है जिसमें मंत्रालय ने कहा कि अगस्त 2022 में पश्चिमी रेलवे के कांकरिया डिपो में मशीनीकृत लांड्री द्वारा अपनाई गई प्रथाओं को दोहराने के प्रयास किए जाएंगे।
कैग के अनुसार, भारतीय रेलवे में 31 मार्च 2023 तक चालू की गई 67 मशीनीकृत लॉन्ड्री में से, 19 लॉन्ड्री बीओओटी आधार पर आठ जोन में स्थापित की गई हैं और 13 जोन में 48 लॉन्ड्री विभागीय हैं। इसके अनुसार ‘‘वर्ष 2022-23 के दौरान 30 और मशीनीकृत लॉन्ड्री का निर्माण प्रगति पर था।’’
कैग ने अन्य लांड्री में विभिन्न कमियां पाईं और निष्कर्ष निकाला कि अधिकांश मशीनीकृत लांड्री में, आपूर्ति की गई चादर की गुणवत्ता के संबंध में यात्रियों से फीडबैक प्राप्त करने का प्रावधान चादर वितरण ठेकेदारों पर लागू नहीं किया गया और जिन क्षेत्रों में चादर वितरण ठेकेदारों द्वारा फीडबैक प्राप्त किया जा रहा था, वहां रेल मदद संबंधी शिकायतें तुलनात्मक रूप से कम थीं।
भाषा अमित