हिमाचल प्रदेश के चार से छह जिलों में मंगलवार तक के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया
धीरज नेत्रपाल
- 31 Aug 2025, 09:56 PM
- Updated: 09:56 PM
(तस्वीरों के साथ)
शिमला, 31 अगस्त (भाषा) हिमाचल प्रदेश के चार से छह जिलों में भारी से लेकर अत्यंत भारी बारिश के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। इसी के साथ भूस्खलन, अचानक बाढ़, भूधंसाव, जलभराव और जलाशयों के उफान पर होने की चेतावनी दी गई है।
मौसम विभाग ने रविवार को ऊना, बिलासपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर में अलग-अलग स्थानों पर आंधी के साथ मूसलाधार बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया है।
मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि सोमवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में तथा मंगलवार को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
आंकड़ों के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में अगस्त 2025 में 72 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।
इसके मुताबिक, राज्य में इस मौसम की औसत 256.8 मिमी बारिश के मुकाबले 440.8 मिमी बारिश हुई। पांच जिलों, कुल्लू (162 प्रतिशत), शिमला (126 प्रतिशत), ऊना (121 प्रतिशत), सोलन (118 प्रतिशत) और चंबा (104 प्रतिशत) में सामान्य से 100 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को स्थिति की समीक्षा की और जनता से सावधानी बरतने तथा प्रभावित लोगों की मदद में सहयोग देने का आग्रह किया।
इस बीच, भारी बारिश के कारण भरमौर और चंबा में फंसे हजारों मणिमहेश तीर्थयात्रियों को निकालने के प्रयास जारी हैं।
भरमौर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक जनक राज ने एक बयान में कहा, ‘‘करीब 15,000 तीर्थयात्री भरमौर और आसपास के मार्गों से पैदल ही अपने घर वापस जाने की यात्रा शुरू कर चुके हैं।’’
इसमें कहा गया है कि अब तक आधिकारिक तौर पर मृतकों की संख्या 11 है तथा आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
अधिकारियों के मुताबिक, 17 अगस्त से शुरू होकर 15 सितंबर को समाप्त होने वाली मणिमहेश यात्रा, चंबा क्षेत्र में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 24 अगस्त को स्थगित कर दी गई थी, जिसके बाद बड़ी संख्या में तीर्थयात्री फंस गए थे।
हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है और तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 666 सड़कों पर यातायात रोकना पड़ा है।
अधिकारियों ने बताया कि रविवार सुबह राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों - ओल्ड हिंदुस्तान तिब्बत रोड, मंडी-धरमपुर रोड और औट-सैंज रोड सहित कुल 666 सड़कें बंद हैं।
उन्होंने बताया कि नैतर और भाग नदियों में अचानक आई बाढ़ के कारण मनाली-नग्गर-कुल्लू मार्ग बाधित हो गया है और वहां मरम्मत कार्य जारी है।
हमीरपुर जिले के सुजानपुर में बारिश के कारण भूस्खलन हुआ, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो गईं और कुछ घरों में पानी घुस गया।
अधिकारियों के मुताबिक, शिमला शहर के बाहरी इलाके में कुछ वाहन भी मलबे में दब गए जबकि बिजली का खंभा गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हो गई और असपास की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।
मौसम विभाग के अनुसार, रविवार शाम 6 बजे समाप्त हुए 24 घंटों में मालरांव में 90 मिमी बारिश हुई। इस अवधि के दौरान नैना देवी में 82.8 मिमी, भटियात में 75.2 मिमी, ब्राह्मणी में 73.4 मिमी, ओलिंडा में 66.2 मिमी, नाहन में 60 मिमी, कुफरी में 59.5 मिमी, जोगिंदरनगर में 59 मिमी, जुब्बड़हट्टी में 58.2 मिमी, ऊना में 57.6 मिमी, सोलन में 55.6 मिमी, शिमला में बारिश हुई। 50.2 मिमी और कांगड़ा 45 मिमी बारिश दर्ज की गई।
अधिकारियों ने बताया कि 20 जून से 30 अगस्त तक मानसून के दस्तक देने के बाद राज्य में 91 बार अचानक बाढ़, 45 बार बादल फटने और 95 बड़े भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं।
राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र (एसईओसी) के मुताबिक, बारिश संबंधी घटनाओं से 985 बिजली ट्रांसफॉर्मर और 495 जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।
भाषा धीरज