सेना प्रमुख मुनीर अपनी सत्ता मजबूत करने के लिए अत्याचार का ले रहे सहारा : इमरान खान
धीरज अविनाश
- 06 Sep 2025, 07:05 PM
- Updated: 07:05 PM
लाहौर, छह सितंबर (भाषा) जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर पर नये सिरे से हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वह अपने शासन को सुदृढ़ करने के लिए अत्याचार का सहारा ले रहे हैं।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के मुख्य संरक्षक खान ने मुनीर पर अघोषित मार्शल लॉ लागू करने, पिछले फरवरी के चुनाव में लोगों का जनादेश चुराकर शहबाज शरीफ के नेतृत्व में कठपुतली सरकार स्थापित करने और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है।
खान ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज आसिम मुनीर अपने शासन को सुदृढ करने के लिए पाकिस्तान के लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं, जिससे देश कमजोर हो रहा है।’’
क्रिकेट से राजनीति में आए 72 वर्षीय खान कई मामलों में दो साल से अधिक समय से जेल में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों (मुनीर एंड कंपनी) ने जनादेश चुराया है, वे भयभीत हैं। इसी भय की वजह से हमारे खिलाफ अत्याचार बढ़ रहा है।’’
खान ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को ‘‘एकांत कारावास’’ में रखा जा रहा है और ‘‘केवल इस उम्मीद में मानसिक यातना दी जा रही है कि मैं टूट जाऊंगा और अपनी विचारधारा को त्याग दूंगा’’।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे तोड़ने की कोशिश का असली मकसद लोगों की आवाज को दबाना है।’’ उन्होंने आगे कहा कि यह वही तरीका है जो जनरल याह्या खान ने 1971 में ढाका हारने से पहले अपनाया था।
वह पूर्व सेना प्रमुख जनरल याह्या खान का संदर्भ दे रहे थे, जिनके शासन में पूर्वी पाकिस्तान में गृहयुद्ध हुआ, जिसके परिणामस्वरूप एक स्वतंत्र राज्य - बांग्लादेश का उदय हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘1971 और आज के बीच एकमात्र अंतर यह है कि अब लोग ज़्यादा जागरूक हैं। सोशल मीडिया ने सभी तथ्यों को जनता के सामने उजागर कर दिया है और लोगों ने अत्याचार के खिलाफ अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना सीख लिया है।’’
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यही कारण है कि यह दमनकारी व्यवस्था जल्द ही समाप्त हो जाएगी। लोगों की आवाज सुनने का समय आ गया है।’’ खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए अपदस्थ कर दिया गया था।
खान ने सरदार अताउल्लाह मेंगल की पुण्यतिथि के अवसर पर बलूचिस्तान में आयोजित एक रैली में हुए बम विस्फोट की भी कड़ी निंदा की, जिसमें इस सप्ताह कम से कम 15 लोग मारे गए थे।
भाषा धीरज