केरल सरकार मस्तिष्क ज्वर से हुई मौतों पर वैज्ञानिक स्पष्टीकरण देने में विफल रही: यूडीएफ
राजकुमार पवनेश
- 17 Sep 2025, 04:54 PM
- Updated: 04:54 PM
तिरुवनंतपुरम, 17 सितंबर (भाषा) विपक्षी कांग्रेस नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने बुधवार को केरल सरकार पर निशाना साधा और उस पर ‘अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ के प्रसार को लेकर वैज्ञानिक स्पष्टीकरण देने में विफल’ रहने का आरोप लगाया।
‘अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ मस्तिष्क ज्वर है जिसकी वजह से हाल के महीनों में राज्य में लगभग 20 लोगों की जान चली गयी है।
यूडीएफ ने विधानसभा में कहा कि मस्तिष्क ज्वर भले ही संक्रामक रोग न हो, लेकिन यह तेजी से फैल रहा है और तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, मलप्पुरम, त्रिशूर एवं पलक्कड़ समेत विभिन्न जिलों में इसके मामले सामने आ चुके हैं।
इस मामले पर स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए, आईयूएमएल के एन शम्सुद्दीन ने कहा कि राज्य के लोग चिंतित हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग स्थिति को संभालने के लिए अब भी संघर्ष ही कर रहा है।
अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस एक दुर्लभ और अक्सर घातक मस्तिष्क संक्रमण है जो मुख्य रूप से दूषित पानी में तैरने या नहाने से होता है।
एक अमेरिकी पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट का हवाला देते हुए, यूडीएफ विधायक शम्सुद्दीन ने कहा कि यह एक दुर्लभ बीमारी है जो आमतौर पर अमीबा युक्त तालाब में नहाने वाले 26 लाख लोगों में से केवल एक को ही संक्रमित करती है।
उन्होंने आरोप लगाया,‘‘लेकिन केरल में यह व्यापक रूप से फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के पास इसके प्रसार को रोकने को लेकर कोई स्पष्ट रणनीति नहीं है। वह इसके कारण पर कोई वैज्ञानिक स्पष्टीकरण देने में विफल रहा है।’’
शम्सुद्दीन ने आरोप लगाया कि सरकार बीमारी के स्रोत का पता लगाने और इसके प्रसार को रोकने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक चुनौती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग वास्तविक स्थिति और आंकड़ों को ‘‘छिपाने’’ की कोशिश कर रहा है और यह झूठी तस्वीर पेश कर रहा है कि सब कुछ नियंत्रण में है।
हालांकि, वामपंथी विधायक टी आई मधुसूदनन ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पिनराई विजयन सरकार जन स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
उन्होंने कहा कि अगर पिछली यूडीएफ सरकार ने जन स्वास्थ्य के लिए 20,011 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, तो विजयन सरकार ने पिछले चार वर्षों में 51,250 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
भाषा
राजकुमार