सरकार ने एनएससीएन-के पर प्रतिबंध और पांच साल के लिए बढ़ाया
अमित सुरेश
- 22 Sep 2025, 07:36 PM
- Updated: 07:36 PM
नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) केंद्र ने नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-खापलांग (एनएससीएन-के) और उसके सभी गुटों, शाखाओं और मुखौटा संगठनों पर भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक गतिविधियों में संलिप्तता के कारण लगाए गए प्रतिबंध को और पांच साल के लिए बढ़ाने का सोमवार को फैसला किया।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि यह प्रतिबंध 28 सितंबर से पांच साल की अवधि के लिए प्रभावी होगा।
अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार का मानना है कि एनएससीएन (के) ने भारतीय संघ से अलग होकर भारत-म्यांमा क्षेत्र के नगा बहुल इलाकों को शामिल करते हुए एक संप्रभु नगालैंड बनाने का अपना लक्ष्य घोषित किया है और उसने यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (इंडिपेंडेंट) [उल्फा (आई)], पीपुल्स रिवॉल्यूशनरी पार्टी आफ कांगलेईपाक (पीआरईपीएके) और पीपुल्स रिवॉल्यूशनरी आर्मी (पीएलए) जैसे अन्य गैरकानूनी संगठनों के साथ गठबंधन किया है।
इसमें कहा गया है कि यह समूह व्यापारियों, सरकारी अधिकारियों और अन्य नागरिकों से फिरौती एवं जबरन धन वसूली के लिए अपहरण करने में भी संलिप्त है। अधिसूचना में कहा गया है कि इसके पास अवैध हथियार और गोला-बारूद है तथा यह समूह हथियार और अन्य सहायता प्राप्त करने के लिए अन्य देशों में भारत विरोधी ताकतों से सहायता प्राप्त करता है।
अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘अब, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (1967 का 37) (जिसे आगे उक्त अधिनियम कहा जाएगा) की धारा-तीन की उपधारा (एक) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, केंद्र सरकार नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (खापलांग) [एनएससीएन (के)] को उसके सभी गुटों, शाखाओं और मुखौटा संगठनों के साथ एक ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित करती है।’’
गृह मंत्रालय ने कहा कि 28 सितंबर, 2020 और 30 अप्रैल, 2025 के बीच एनएससीएन (के) सदस्यों की संलिप्तता वाली कई गतिविधियों का उल्लेख किया गया है। इनमें इसके सदस्यों के खिलाफ दर्ज 71 मामले, 56 आरोपपत्र दायर किए गए और 35 सदस्यों पर मुकदमा चलाया गया, 51 अन्य आपराधिक गतिविधियों में इसके सदस्यों की संलिप्तता, 85 सदस्यों की गिरफ्तारी और 69 सदस्यों द्वारा आत्मसमर्पण और 69 हथियार, 52 मैगजीन, 931 कारतूस, 10 ग्रेनेड, 150 डेटोनेटर, तीन विस्फोटक जेल ट्यूब, 200 ग्राम ट्राइनाइट्रोटोल्यूइन, डेढ़ किलोग्राम आईईडी और 800 ग्राम अन्य विस्फोटक बरामद किए गए। उसने कहा कि इस अवधि के दौरान, पुलिस या सुरक्षा बलों की कार्रवाई में इसके 13 भूमिगत सदस्य मारे गए।
नगालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने भी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एनएससीएन (के) को एक गैरकानूनी संगठन घोषित करने की सिफारिश की है।
अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘...और जबकि, केंद्र सरकार का मानना है कि एनएससीएन (के) की उपरोक्त गतिविधियां भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक हैं और यदि इन पर तुरंत अंकुश नहीं लगाया गया, तो एनएससीएन (के) फिर से संगठित हो सकता है और खुद को फिर से हथियारबंद कर सकता है।’’
अधिसूचना में यह भी कहा गया है, ‘‘...(यह संगठन) अपने सदस्यों का विस्तार भी कर सकता है, अत्याधुनिक हथियार हासिल कर सकता है, नागरिकों और सुरक्षा बलों की जान ले सकता है तथा इस तरह अपनी राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को तेज कर सकता है। केंद्र सरकार का मानना है कि उपरोक्त कारणों से, गुटों, शाखाओं और मुखौटा संगठनों के साथ एनएससीएन (के) एक गैरकानूनी संगठन है।’’
गृह मंत्रालय ने कहा कि उसकी यह भी राय है कि ऐसी परिस्थितियां मौजूद हैं, जिनके कारण 28 सितंबर से एनएससीएन (के) को उसके सभी गुटों, शाखाओं और मुखौटा संगठनों के साथ एक गैरकानूनी संगठन घोषित करना आवश्यक हो गया है।
अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘तदनुसार, उक्त अधिनियम की धारा-तीन की उपधारा (तीन) के प्रावधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, यह निर्देश दिया जाता है कि यह अधिसूचना, उक्त अधिनियम की धारा 4 के तहत किए जा सकने वाले किसी भी आदेश के अधीन, 28 सितंबर, 2025 से पांच साल की अवधि के लिए तत्काल प्रभावी होगी।’’
एनएससीएन-के दशकों से एक प्रतिबंधित संगठन है, जिसपर प्रतिबंध को हर पांच साल बढ़ाया जा रहा है। इसका नेता, म्यांमा का एक नगा एस. एस. खापलांग, दशकों तक समूह का नेतृत्व करने के बाद 2017 में मारा गया था। अब संगठन का संचालन उसके दो सहयोगी करते हैं।
एनएससीएन-के का प्रतिद्वंद्वी गुट, एनएससीएन-आईएम, वर्तमान में नगालैंड की सात दशक पुरानी उग्रवाद की समस्या का स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए केंद्र सरकार के साथ शांति वार्ता कर रहा है।
भाषा अमित