मराठवाड़ा में भारी वर्षा, शरद पवार ने किसानों को शीघ्र सहायता देने की मांग की
सुरभि माधव
- 23 Sep 2025, 01:25 PM
- Updated: 01:25 PM
छत्रपति संभाजीनगर, 23 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर, जालना और बीड जिलों में मंगलवार को भारी वर्षा और बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद गोदावरी नदी के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पहले से ही बाढ़ की मार झेल रहे धाराशिव जिले और मराठवाड़ा क्षेत्र के 129 राजस्व क्षेत्रों में भी पिछले 24 घंटों में भारी बारिश हुई।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि राज्य सरकार को भारी बारिश के कारण नुकसान झेलने वाले किसानों को सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए।
मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित छत्रपति संभाजीनगर के जयकवाड़ी बांध और बीड के माजलगांव के डूब क्षेत्रों में सोमवार रात से भारी बारिश हो रही है।
एक राजस्व अधिकारी ने कहा, ‘‘इनमें से कुछ इलाकों में तो ऐसा लग रहा था मानो बादल फट गए हों।’’
उन्होंने बताया कि दोनों बांध लगभग भर चुके हैं और लगातार पानी आने के कारण उनसे पानी छोड़ा जा रहा है।
अधिकारी ने बताया कि माजलगांव बांध के डूब क्षेत्र में स्थित जावलाला और रामोदा क्षेत्रों में सोमवार रात से क्रमशः 160 मिलीमीटर और 120 मिलीमीटर बारिश हुई है।
उन्होंने बताया कि जयकवाड़ी बांध के डूब क्षेत्र में स्थित गंगापुर (46 मिलीमीटर), पैठण (92 मिलीमीटर) और भेंडाला (52 मिलीमीटर) में भी बारिश हुई।
उन्होंने बताया कि इसलिए जयकवाड़ी और माजलगांव बांधों से गोदावरी नदी में मंगलवार सुबह पानी का बहाव क्रमशः 1.03 लाख क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकंड) और 1.15 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया।
इसके अलावा, जालना के घनसावंगी और अंबड तालुकाओं और बीड के गेवराई तालुका में अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई।
उन्होंने बताया कि गोदावरी नदी उफान पर है और छत्रपति संभाजीनगर, जालना एवं बीड जिलों के कई गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।
रविवार को हुई भारी बारिश के कारण धाराशिव के कुछ इलाकों में बाढ़ आ गई। अधिकारी ने बताया कि जिले के परांदा, भूम और वाशी तालुकाओं में सोमवार को भी भारी बारिश जारी रही।
उन्होंने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड, धाराशिव, परभणी और हिंगोली जिलों के 129 राजस्व मंडलों में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश (एक ही दिन में 65 मिलीमीटर और उससे अधिक) दर्ज की गई।
अधिकारी ने बताया कि बीड जिले के पाटोदा के थेरला राजस्व मंडल में सबसे अधिक 158.25 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
मराठवाड़ा क्षेत्र में आठ जिले शामिल हैं, जिसमें इस साल एक जून से अब तक औसत से 28.5 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह तक इस क्षेत्र में 823.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि इस अवधि के लिए औसत अपेक्षित 640.8 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए।
धाराशिव में 148.8 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई, यानी 833.5 मिलीमीटर, जबकि इस अवधि के लिए अपेक्षित औसत 560 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए।
पवार ने पुणे में पत्रकारों से कहा कि किसानों के लिए राहत उपाय तत्काल और स्थायी होने चाहिए।
मराठवाड़ा की ताजा स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस साल राज्य में अभूतपूर्व बारिश हुई है। आमतौर पर सूखे के लिए चर्चित जिलों में अत्यधिक बारिश हुई है। इस भारी बारिश ने किसानों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।’’
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि सोयाबीन की फसल इस मौसम में प्रमुख फसल थी। अन्य फसलों की भी बड़े पैमाने पर खेती की गई।
राकांपा (एसपी) प्रमुख ने कहा, ‘‘सोलापुर, धाराशिव, परभणी, नांदेड़ और बीड में अत्यधिक बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे संकट के समय में किसानों की मदद करना केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की जिम्मेदारी है। राज्य की सहायता के लिए केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध योजनाओं का उपयोग मुआवज़ा प्रदान करने के लिए किया जाना चाहिए।’’
पवार ने कहा, ‘‘भूमि कटाव, फसल विनाश और उपजाऊ मिट्टी के नुकसान - तीनों नुकसानों के लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि कई जगहों पर, मवेशी भी बह गए हैं, राज्य सरकार को इन सभी मुद्दों पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘फसल क्षति का आकलन किसानों की उपस्थिति में किया जाना चाहिए ताकि उनका विश्वास बना रहे। राहत उपाय तत्काल और स्थायी होने चाहिए।’’
भाषा सुरभि