भाजपा ने आरएसएस पर खरगे की टिप्पणी की निंदा की
अमित रंजन
- 01 Nov 2025, 12:22 AM
- Updated: 12:22 AM
नयी दिल्ली, 31 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बारे में की गई टिप्पणी की निंदा की और उन पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई), मुस्लिम लीग और जमीयत उलेमा-ए-हिंद की भाषा बोलने का आरोप लगाया।
भाजपा की यह टिप्पणी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के उस बयान के बाद आयी जिसमें उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर फिर से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं के लिए यही संगठन जिम्मेदार है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकारी कर्मचारियों को संघ से जुड़ने की अनुमति देकर सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत का अपमान किया है।
भाजपा सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा पलटवार करते हुए कहा, "हम खरगे की आरएसएस पर की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं। आज उन्होंने आरएसएस के बारे में जिस भाषा का इस्तेमाल किया, वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, मुस्लिम लीग और जमीयत उलेमा-ए-हिंद की भाषा है।"
पात्रा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को ऐसी "आपत्तिजनक" टिप्पणी करने से पहले आरएसएस और देश के इतिहास के बारे में पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि खरगे को यह भी "जानना और समझना" चाहिए कि महात्मा गांधी, बी. आर. आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने संघ के बारे में क्या कहा था।
पात्रा ने कहा कि 1934 में वर्धा में एक संघ शिविर का दौरा करने के बाद, महात्मा गांधी ने कहा था कि वे संगठन में अनुशासन और अस्पृश्यता की अनुपस्थिति देखकर बहुत आश्चर्यचकित थे।
उन्होंने कहा कि 1939 में पुणे में एक संघ शिविर का दौरा करने के बाद, आंबेडकर ने कहा कि वे संगठन में उच्च और निम्न जातियों के बीच पूर्ण समानता देखकर खुश हैं।
उन्होंने कहा, "1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद, जवाहरलाल नेहरू ने संघ को 1963 के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था और संघ ने इसमें भाग लिया था... यह सब इतिहास में दर्ज है।"
भाजपा नेता ने कहा कि जहां तक महात्मा गांधी की हत्या का सवाल है, कपूर आयोग ने स्पष्ट कर दिया था कि आरएसएस का इससे कोई लेना-देना नहीं है और इस मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला भी सार्वजनिक है।
उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी और नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और प्रणब मुखर्जी तक, सभी ने संघ की प्रशंसा की। मल्लिकार्जुन खरगे को आरएसएस और देश का इतिहास पढ़ना चाहिए। उन्हें यह जानना और समझना चाहिए कि कांग्रेस के कई नेताओं ने संघ के बारे में क्या कहा।’’
भाषा
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