मल्टीप्लेक्स के लिए टिकट बिक्री का लेखा परीक्षा योग्य रिकॉर्ड रखने संबंधी आदेश पर न्यायालय की रोक
सुरेश संतोष
- 03 Nov 2025, 08:06 PM
- Updated: 08:06 PM
नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें विभिन्न मल्टीप्लेक्स से कहा गया है कि वे बेचे गए फिल्म के हर टिकट का एक व्यापक और लेखा परीक्षा योग्य ‘रिकॉर्ड’ रखें।
उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 30 सितंबर को अपनी एकल पीठ के उस आदेश के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया था, जिसमें कर्नाटक सिनेमा (विनियमन) (संशोधन) नियम, 2025 पर अंतरिम रोक लगा दी गई थी, जिसमें सिनेमा के टिकटों की कीमत 200 रुपये तक सीमित करने की मांग की गई थी।
खंडपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका सोमवार को न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई।
पीठ ने मल्टीप्लेक्स द्वारा पानी की बोतल के लिए 100 रुपये वसूलने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘इसमें सुधार किया जाना चाहिए।’’
पीठ ने कहा, ‘‘इस समय सिनेमा का चलन कम हो रहा है। लोगों के आने और आनंद लेने के लिए इसे और अधिक तर्कसंगत बनाया जाए। अन्यथा, हॉल खाली पड़े हैं।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम खंडपीठ के इस फैसले से सहमत हैं कि टिकट की कीमत 200 रुपये होनी चाहिए।’’
पीठ ‘मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और अन्य’ की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई।
पीठ ने कर्नाटक स्टेट फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स और अन्य को नोटिस जारी कर याचिका पर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा।
पीठ ने कहा, ‘‘इस बीच, विवादित आदेश के प्रभाव और संचालन पर रोक रहेगी।’’
शीर्ष अदालत ने कहा कि एकल पीठ इस मामले पर आगे कार्यवाही कर सकती है।
एकल न्यायाधीश ने 23 सितंबर को कर्नाटक सिनेमा (विनियमन) (संशोधन) नियम, 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश पारित किया था, जिसमें टिकट की कीमत 200 रुपये निर्धारित की गई थी।
एकल न्यायाधीश ने अगले आदेश तक संशोधन पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
जब मामला खंडपीठ के समक्ष आया, तो उसने कहा कि याचिका पर अंतिम निर्णय आने तक सभी संबंधित पक्षों के वित्तीय हितों की रक्षा के लिए एक अंतरिम व्यवस्था की जानी आवश्यक है।
इसने निर्देश पारित किए, जिनमें यह भी शामिल था कि मल्टीप्लेक्स बेचे गए प्रत्येक टिकट का व्यापक और लेखा परीक्षा योग्य रिकॉर्ड रखेंगे और इन रिकॉर्ड में बिक्री की तारीख और समय, बुकिंग का तरीका, भुगतान का तरीका, एकत्रित राशि और जीएसटी शामिल होना चाहिए।
अदालत ने कहा था, ‘‘सभी नकद लेनदेन के लिए डिजिटल रूप से पता लगाने योग्य रसीदें जारी की जानी चाहिए, और दैनिक नकद पंजी पर मल्टीप्लेक्स के प्रभारी प्रबंधक द्वारा प्रतिहस्ताक्षर किए जाने चाहिए।’’
खंडपीठ ने कहा कि नकद आधारित टिकट बिक्री के लिए, मल्टीप्लेक्स को उपभोक्ताओं को क्रमांकित, समय-मुद्रित रसीदें जारी करनी होंगी।
उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर के लिए निर्धारित की थी।
भाषा सुरेश