उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने नक्सलियों से हथियार डालने की अपील की
खारी
- 05 Nov 2025, 10:29 PM
- Updated: 10:29 PM
नवा रायपुर, पांच नवंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने की अपील करते हुए बुधवार को कहा कि छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों और सरकार के प्रयासों से नक्सलवाद अब समाप्ति की ओर है।
नवा रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के सबसे युवा राज्यों में से एक छत्तीसगढ़ ने अब खुद को सबसे प्रगतिशील और संभावनाशील राज्यों में शामिल कर लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘गर्व है कि अब हम नक्सलवाद को खत्म कर रहे हैं, जिसने लंबे समय तक राज्य के विकास में बाधा डाली थी। शांति बेहद जरूरी है, क्योंकि शांति के बिना विकास संभव नहीं है।’’
राधाकृष्णन ने माओवादियों से हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी नक्सलियों से हथियार छोड़ने और प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आग्रह करता हूं।’’
उन्होंने बताया कि केंद्रीय सुरक्षा बलों, राज्य पुलिस, केंद्र और राज्य सरकारों की प्रतिबद्धता तथा स्थानीय समुदायों के सहयोग से अब उन इलाकों में शांति बहाल हो गई है जो कभी हिंसा से प्रभावित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘नक्सलवाद का खात्मा छत्तीसगढ़ की नयी सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा उठाए गए बड़े कदमों का परिणाम है। सभी मिलकर इस लाल आतंक को खत्म करने में जुटे हैं।’’
राज्य के गठन (एक नवंबर 2000) के बाद की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक विकास की एक उल्लेखनीय यात्रा तय की है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने दिखाया है कि परंपराओं का पालन करने वाला क्षेत्र आधुनिकता और आर्थिक विकास के साथ आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकता है। राज्य के गांव, जंगल, नदियां और खदानें संघर्ष और सफलता दोनों की कहानियां बयां करती हैं।
आदिवासी समुदायों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए राधाकृष्णन ने कहा, ‘‘सदियों से उन्होंने राज्य की समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया है। प्रकृति के साथ उनका तालमेल और सामूहिक जीवन के प्रति उनका सम्मान, जलवायु परिवर्तन के दौर में पूरी दुनिया के लिए एक सबक है।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना और संपर्क के क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। उन्होंने बताया, ‘‘सड़कें, रेलवे और हवाई संपर्क ने दूरदराज के इलाकों को भी राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ दिया है। नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में भी रेलवे नेटवर्क का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रगति को सिर्फ जीडीपी से नहीं, बल्कि लोगों के चेहरों पर मुस्कान, शासन पर उनके भरोसे और हर बच्चे की आंखों में झलकती उम्मीद से भी मापा जाता है।’’
राधाकृष्णन ने युवाओं से कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), हरित प्रौद्योगिकी और वैश्विक बाजार में उभरते अवसरों का लाभ उठाने तथा राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया।
दिन में उपराष्ट्रपति ने राजनांदगांव में ‘लखपति दीदी सम्मेलन’ में भाग लिया और इस पहल को भारतीय महिलाओं की ताकत और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पहल उन महिलाओं का संकल्प दर्शाती है जो चुनौतियों को अवसरों में बदल रही हैं। ‘लखपति दीदी’ शब्द सिर्फ आय नहीं, बल्कि स्वतंत्रता, सम्मान और आत्मविश्वास का प्रतीक है।’’
राधाकृष्णन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का तीन करोड़ ‘लखपति दीदी’ बनाने का सपना महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की दिशा में एक असाधारण कदम है। उन्होंने बताया कि यह आंदोलन देशभर में दो करोड़ से अधिक महिलाओं और छत्तीसगढ़ में पांच लाख महिलाओं को वित्तीय आजादी दिला चुका है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कभी पानी, बिजली और विकास की कमी से जूझने वाला छत्तीसगढ़ आज देश को बिजली उपलब्ध करा रहा है और स्वास्थ्य सेवाओं में भी उल्लेखनीय सुधार कर चुका है।
उन्होंने हाल में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की विश्व कप जीत का उदाहरण देते हुए छत्तीसगढ़ की महिलाओं के सामाजिक परिवर्तन की सराहना की और उनके साहस तथा योगदान को प्रेरणादायक बताया।
उपराष्ट्रपति ने राजनांदगांव में ‘उदयचल हेल्थ एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट’ की नई पांच-मंजिला इमारत का उद्घाटन किया। इन कार्यक्रमों में राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह मौजूद थे।
दिन की शुरुआत में उन्होंने नवा रायपुर अटल नगर में वायु सेना की प्रसिद्ध सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम का शानदार एयर शो भी देखा।
भाषा संजीव