कच्छ, सौराष्ट्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए जनवरी में ‘वाइब्रेंट गुजरात क्षेत्रीय सम्मेलन’
निहारिका रमण
- 20 Nov 2025, 05:57 PM
- Updated: 05:57 PM
अहमदाबाद, 20 नवंबर (भाषा) गुजरात सरकार आठ से नौ जनवरी 2026 को कच्छ एवं सौराष्ट्र के लिए ‘वाइब्रेंट गुजरात क्षेत्रीय सम्मेलन’ (वीजीआरसी) के दूसरे संस्करण की मेजबानी करेगी। इसका मकसद दोनों क्षेत्रों में उभरते आर्थिक, औद्योगिक एवं सांस्कृतिक अवसरों का उजागर करना है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, राजकोट में आयोजित होने वाला दो दिवसीय सम्मेलन सिरेमिक, इंजीनियरिंग, बंदरगाह व लॉजिस्टिक, मत्स्य पालन, पेट्रोरसायन, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, खनिज, हरित ऊर्जा, कौशल विकास, स्टार्टअप, एमएसएमई, पर्यटन तथा संस्कृति सहित प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित होगा।
इसका उद्देश्य नीतिगत समर्थन एवं रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है ताकि स्थानीय समुदायों तक अधिकतम लाभ पहुंच सके।
विज्ञप्ति में कहा गया कि कच्छ को देश के दो सबसे बड़े बंदरगाहों कांडला और मुंद्रा के माध्यम से मजबूत बंदरगाह संपर्क द्वारा संचालित एक प्रमुख औद्योगिक एवं व्यापारिक केंद्र के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। यह जिला पेट्रोरसायन, नवीकरणीय ऊर्जा (32 गीगावाट), लॉजिस्टिक एवं कृषि-प्रसंस्करण में निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरा है।
इसमें कहा गया कि भारत की सिरेमिक राजधानी के रूप में पहचाने जाने वाले मोरबी में 900 से अधिक सिरेमिक विनिर्माण इकाइयां हैं जो घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों के लिए टाइल्स, सेनेटरी वेयर और विट्रिफाइड उत्पादों का उत्पादन करती हैं।
भारत की पीतल नगरी के रूप में मशहूर जामनगर में पीतल से जुड़ी 15,000 इकाइयां और रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा संचालित एशिया की सबसे बड़ी पेट्रोलियम रिफाइनरी स्थित है। यह क्षेत्र आम, अमरूद और अनार के बड़े पैमाने पर उत्पादन के माध्यम से कृषि-आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा देता है।
विज्ञप्ति में कहा गया कि राजकोट गुजरात का तीसरा सबसे बड़ा जिला है जो मशीन उपकरण विनिर्माण में अपनी अग्रणी भूमिका प्रदर्शित करेगा।
इसमें कहा गया कि सम्मेलन में पोरबंदर के मत्स्य पालन एवं खनिज प्रसंस्करण क्षेत्रों, भारत के सबसे बड़े कास्टिक सोडा संयंत्र और देवभूमि द्वारका स्थित टाटा केमिकल्स संयंत्र (जो भारत के शीर्ष सोडा ऐश उत्पादकों में से एक है) पर भी प्रकाश डाला जाएगा। ओखा बंदरगाह मत्स्य पालन, खनिज एवं नमक आधारित उद्योगों को और भी अधिक सहयोग प्रदान करता है।
भावनगर को विश्व में सबसे बड़े अलंग स्थित जहाज तोड़ने या जहाज-विघटन यार्ड के साथ-साथ प्याज के अग्रणी उत्पादक के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। बोटाड के एक औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरने और कपास, सौंफ एवं नमक उत्पादन में सुरेन्द्रनगर की प्रमुखता को भी रखा जाएगा।
इसके अलावा, जूनागढ़ तथा गिर सोमनाथ जिलों की ‘इको-पर्यटन’ और कृषि-प्रसंस्करण क्षमता को पेश किया जाएगा जबकि अमरेली के पिपावाव बंदरगाह को एक प्रमुख लॉजिस्टिक परिसंपत्ति के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।
भाषा निहारिका