इंजीनियर रशीद की जमानत याचिका का जल्द निपटारा किया जाए : अदालत
रंजन नेत्रपाल
- 24 Feb 2025, 08:03 PM
- Updated: 08:03 PM
नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के मामलों की सुनवाई कर रही अदालत से कहा कि वह आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के सांसद अब्दुल रशीद शेख उर्फ इंजीनियर रशीद की जमानत याचिका पर जल्द फैसला करे।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विकास महाजन ने कहा, ‘‘पटियाला हाउस अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-03 से अनुरोध है कि याचिकाकर्ता की जमानत याचिका का जल्द निपटारा किया जाए।’’
अदालत रशीद की उस याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी जमानत याचिका पर विचार कर रही एनआईए अदालत ने उनके संसद सदस्य बनने के बाद उन्हें अधर में छोड़ दिया है और उनके पास राहत पाने का कोई रास्ता नहीं है।
घटनाक्रम के मद्देनजर, रशीद के अधिवक्ता एन हरिहरन ने उच्च न्यायालय से याचिका वापस लेने का निवेदन किया, साथ ही एनआईए अदालत को पिछले साल अगस्त से लंबित जमानत याचिका पर यथासंभव शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा, ‘‘(जमानत याचिका पर) आदेश सुरक्षित रखा गया था, लेकिन अधिकारक्षेत्र के अभाव में इसे पारित नहीं किया जा सका। अब अधिकार मिल गया है।’’
एनआईए के वकील ने कहा कि निचली अदालत ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य को रिकॉर्ड में रखने के लिए छह तारीखें दी थीं।
उच्च न्यायालय प्रशासन का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि 10 फरवरी को पारित उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर 17 फरवरी को एक उचित निर्देश जारी किया गया था। न्यायालय के आदेश में स्पष्ट किया गया था कि एनआईए अदालत भी किसी सांसद या विधायक के खिलाफ मामले की सुनवाई कर सकती है।
याचिका में रशीद ने उच्च न्यायालय से आग्रह किया कि या तो वह एनआईए अदालत में लंबित उनकी जमानत याचिका का शीघ्र निपटारा करने का निर्देश दे या मामले में स्वयं निर्णय करे।
इसके बाद अंतरिम राहत के रूप में, रशीद को 10 फरवरी को 11 और 13 फरवरी को संसद सत्र में भाग लेने के लिए दो दिन की अभिरक्षा पैरोल की अनुमति दी गई थी।
बारामूला से सांसद रशीद पर आतंकी वित्त पोषण के मामले में मुकदमा चल रहा है, जिसमें आरोप है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकी समूहों को को धन प्रदान किया।
वह 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे और 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं, जब एनआईए ने उन्हें 2017 के आतंकी वित्त पोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था।
उनका मामला जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को वित्तपोषित करने और आतंकवादी हाफिज सईद से संबंधों से जुड़ा है।
भाषा रंजन