सही नीतियों के जरिये एमएसएमई को बड़े उद्यमों में बदलने में सक्षम बनाए मप्र सरकार : एडीबी अधिकारी
हर्ष निहारिका अजय
- 25 Feb 2025, 05:17 PM
- Updated: 05:17 PM
भोपाल, 25 फरवरी (भाषा) एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि मध्यप्रदेश को सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए सही नीतियां तैयार करनी चाहिए ताकि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बड़ी कंपनियों के रूप में विकसित हो सकें।
भारत में एडीबी की उप निदेशक आरती मेहरा ने गरीबी से निपटने और कृषि, विशेष रूप से जैविक खेती में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राज्य की सराहना की।
मेहरा ने राज्य के वैश्विक निवेशक सम्मेलन ‘‘इन्वेस्ट मध्यप्रदेश’’ में कहा, ‘‘दरअसल, मध्यप्रदेश ने गरीबी से निपटने में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। यह देश के सबसे तेजी से सुधार करने वाले राज्यों में से एक है।’’
बहुआयामी गरीबी (राज्य में) 2015 और 2021 के बीच 15.9 प्रतिशत की नाटकीय दर से घटी है। यह वास्तव में सराहनीय है जब आप इसकी तुलना 9.90 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत से करते हैं।
मेहरा ने कहा कि एमएसएमई के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए प्रदेश ने कई नीतियां बनाई हैं जिनमें वित्तपोषण तक पहुंच भी शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘एमएसएमई का सहयोग करने वाली हर नीति शानदार है। राज्य को छोटे उद्यमों को बड़े उद्यम बनाने पर ध्यान देना चाहिए।’’
भारत के अलग-अलग राज्यों में देखी गई प्रवृत्ति की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि कई एमएसएमई अपनी स्थापना के 10 साल बाद भी एमएसएमई बने हुए हैं।
मेहरा ने कहा, ‘‘राज्य (मध्यप्रदेश) की वर्तमान स्थिति को देखते हुए और अन्य सूबों के अनुभवों का लाभ उठाते हुए मैं आग्रह करूंगी कि इन एमएसएमई को वित्तपोषण तक अच्छी पहुंच और अच्छे विनियमन द्वारा आपूर्ति श्रृंखलाओं से जोड़कर बड़े उद्यमों में तब्दील करने के लिए वास्तव में प्रोत्साहित करने वाली नीतियां बनाई जाएं।’’
उन्होंने राजस्थान जैसे राज्यों के उदाहरण दिए जहां 2015 में एमएसएमई नीति में बदलाव किया गया था जिसके परिणामस्वरूप इस प्रदेश में एमएसएमई का आकार बड़ा हो गया।
एडीबी की उप-निदेशक ने कहा कि एमएसएमई को बड़ी कंपनियों में विकसित करने के कई लाभ हैं।
मेहरा ने कहा, ‘‘वे (बड़ी कंपनियां) बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से लाभ उठा सकती हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बड़ी कंपनियां कर्मचारियों को अधिक वेतन देती हैं। वे आर्थिक मंदी के प्रति अधिक लचीली होने के साथ ही वैश्विक परिदृश्य में प्रतिस्पर्धा करने में अधिक सक्षम हैं।’’
एडीबी की वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बहुपक्षीय ऋण देने वाली उनकी संस्था 1999 से मध्यप्रदेश से जुड़ी है और इसने राज्य में परिवहन, शहरी प्रशासन और शिक्षा समेत अलग-अलग क्षेत्रों में काम किया है।
भाषा हर्ष निहारिका