पंजाब विधानसभा में कार्यालयों से आंबेडकर की तस्वीर ‘हटाने’ के विरूद्ध प्रस्ताव पारित
राजकुमार नरेश
- 25 Feb 2025, 06:06 PM
- Updated: 06:06 PM
चंडीगढ़, 25 फरवरी (भाषा) पंजाब विधानसभा ने दिल्ली के मंत्रियों के सरकारी कार्यालयों से बी आर आंबेडकर की तस्वीर कथित तौर पर हटाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निंदा करते हुए मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया।
जब यह प्रस्ताव पारित किया गया तब पंजाब में भाजपा के दो विधायक सदन में मौजूद नहीं थे।
आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के कार्यालय से आंबेडकर और भगत सिंह के चित्र हटा दिए गए हैं।
हालांकि, भाजपा ने इस आरोप को 'अफवाह' करार दिया है और आप पर लोगों का ध्यान नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट से हटाने का आरोप लगाया है।
कैग की एक रिपोर्ट मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में पेश की गई, जिसमें अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी द्वारा सत्ता में रहने के दौरान किये गये ‘भ्रष्टाचार’ को उजागर किया गया है।
पंजाब विधानसभा के दो दिवसीय सत्र के अंतिम दिन कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने भाजपा के खिलाफ यह प्रस्ताव पेश किया। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाया कि दिल्ली में भाजपा के मंत्रियों के पदभार ग्रहण के बाद सरकारी कार्यालयों से आंबेडकर की तस्वीरें हटा दी गईं।
चीमा ने सदन में आरोप लगाया, ‘‘मुझे लगता है कि भाजपा दलितों का बहुत अपमान कर रही है।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा संविधान बदलना चाहती है। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
इस प्रस्ताव पर बहस में भाग लेते हुए आप विधायक सुखविंदर सुखी ने आरोप लगाया कि भाजपा का एजेंडा ‘दलितों और अल्पसंख्यकों को खत्म करना’ है।
बसपा विधायक नछत्तर पाल ने भी आंबेडकर की तस्वीरों को कथित तौर पर हटाने को लेकर भाजपा की आलोचना की।
आप के आरोप के आलोक में भाजपा की दिल्ली इकाई ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री कार्यालय की तस्वीर साझा की और कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और अन्य मंत्रियों के कार्यालयों में महात्मा गांधी, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर, भगत सिंह, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चित्र लगे हुए हैं।’’
वर्ष 2022 में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय समेत सभी सरकारी कार्यालयों में केवल बाबासाहेब आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें ही लगाई जाएंगी।
उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार के कार्यालयों में किसी अन्य राजनीतिक नेता की तस्वीरें नहीं लगाई जाएंगी।
भाषा
राजकुमार