जम्मू-कश्मीर: लंगेट के विधायक ने आम नागरिकों की मौत के मामलों के खिलाफ किया प्रदर्शन
सिम्मी दिलीप
- 03 Mar 2025, 03:39 PM
- Updated: 03:39 PM
जम्मू, तीन मार्च (भाषा) जम्मू-कश्मीर के निर्दलीय विधायक शेख खुर्शीद अहमद ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और हाल ही में सोपोर एवं कठुआ में मारे गए दो लोगों के परिवारों के लिए न्याय के साथ-साथ अनुच्छेद 370 एवं राज्य का दर्जा बहाल किए जाने की मांग की।
लंगेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक बारिश के बीच विधानसभा परिसर में सीढ़ियों पर बैनर लेकर बैठे रहे और दो आम नागरिकों की मौत की न्यायिक जांच किए जाने की मांग की। अहमद, इंजीनियर रशीद के नाम से जाने जाने वाले सांसद शेख अब्दुल रशीद के भाई हैं।
अहमद ने बजट सत्र के पहले दिन उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान ‘सेंट्रल हॉल’ में घुसकर बैनर दिखाने की भी कोशिश की, लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया। उनसे एक बैनर जब्त कर लिया गया।
अहमद ने विधानसभा के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने उपराज्यपाल के सामने विरोध प्रदर्शन किया। मैंने वसीम मीर और माखन दीन के परिवारों के लिए न्याय की मांग की है। पुलिस और सरकार इस मामले पर अब भी चुप हैं। कुछ नहीं किया गया है। यहां तक कि विधायक भी चुप हैं, इसलिए मैंने यह मुद्दा उठाया है। हम उनके लिए न्याय चाहते हैं।’’
उन्होंने इन घटनाओं की न्यायिक जांच की जरूरत पर जोर दिया।
अहमद ने कहा, ‘‘हम उपराज्यपाल से न्यायिक जांच का आदेश देने का आग्रह करते हैं। हम इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाएंगे।’’
मीर को पांच जनवरी को उत्तरी कश्मीर में बारामूला जिले के सोपोर में सुरक्षा बलों ने एक जांच चौकी से कथित तौर पर तेजी से भागने के बाद गोली मार दी थी। दीन को पुलिस हिरासत में कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया था और उसने चार फरवरी को कठुआ में जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी।
अहमद ने राज्य का दर्जा बहाल करने, राजनीतिक कैदियों की रिहाई करने, कर्मचारियों की बर्खास्तगी रोकने तथा सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के इस्तेमाल को बंद करने की भी मांग की।
केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा अगस्त 2019 में रद्द कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा का बजट सत्र सात साल के अंतराल के बाद सोमवार को शुरू हुआ।
केंद्र शासित प्रदेश में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार के गठन के बाद से यह जम्मू-कश्मीर विधानसभा का दूसरा सत्र है।
इससे पहले, सरकार के गठन के 20 दिन बाद पिछले साल चार से आठ नवंबर तक श्रीनगर में विधानसभा का सत्र हुआ था।
सांसद रशीद कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के वित्तपोषण के मामले में उनका नाम सामने आने के बाद से 2019 से जेल में हैं। उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण की विशेष अदालत ने उनके खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं।
भाषा सिम्मी