यदि संकट आ ही जाए तो उसपर निर्णायक जीत सुनिश्चित करने की जरूरत: पूर्व वायुसेना प्रमुख
धीरज नरेश
- 04 Mar 2025, 04:59 PM
- Updated: 04:59 PM
नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा)पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय सेना को सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठता हासिल करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने की जरूरत है।
उन्होंने साथ ही कहा कि संघर्ष को रोकने या संघर्ष की स्थिति में ड्रोन, अंतरिक्ष आधारित परिसंपत्तियों और एकीकृत वायु रक्षा उपायों का इस्तेमाल कर निर्णायक जीत सुनिश्चित करने की भी जरूरत है।
पूर्व वायुसेना प्रमुख ने यहां सुब्रतो पार्क में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान श्रोताओं के एक प्रश्न के उत्तर में यह बात कही।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने भी 16वीं ‘जम्बो’ मजूमदार अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लिया। इस संगोष्ठी का विषय ‘हवाई ताकत की गतिशीलता’ था।
तीन वक्ताओं ने एकीकृत वायु क्षेत्र प्रबंधन से लेकर ड्रोन और अन्य मानवरहित उड़ान वाली मशीनों तथा भविष्य में युद्ध पर इनके प्रभाव जैसे विषयों पर प्रस्तुतियां दीं।
प्रस्तुतियों के बाद, श्रोताओं के साथ एक संवाद सत्र के दौरान, एयर चीफ मार्शल चौधरी से पूछा गया कि क्या वायु शक्ति का विकास और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन लर्निंग जैसी विघटनकारी प्रौद्योगिकियों का आगमन और उन्नति भविष्य में युद्ध के परिणाम को भी तय करेगी, जबकि पारंपरिक सैन्य विचारधारा यह मानती है कि चाहे युद्ध किसी भी क्षेत्र में हो, जीत या हार का फैसला केवल जमीन पर ही होगा।
पूर्व वायुसेनाध्यक्ष ने जवाब दिया कि प्रत्येक परिस्थिति में ‘‘जीत की धारणा’’ वास्तव में अलग-अलग होती है, और कहा कि इसका उत्तर द्विआधारी नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में, अब यह वर्गीकरण करना बहुत कठिन है कि वायु शक्ति और ये अन्य नए क्षेत्र क्या हासिल कर सकते हैं। लेकिन, यह कहना पर्याप्त है कि हां, हम यहां टिकने वाले हैं। हमें इन नई प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने की आवश्यकता है, ताकि हम सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठता हासिल कर सकें और न केवल संघर्ष को रोकने की आवश्यकता है, बल्कि यदि कोई संघर्ष हमारे सामने आता है, तो ड्रोन, अंतरिक्ष-आधारित परिसंपत्तियों और एकीकृत वायु रक्षा उपायों के उपयोग के माध्यम से निर्णायक जीत सुनिश्चित करनी होगी।’’
पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एम के कटियार ने जनवरी में यहां एक अलंकरण समारोह में अपने संबोधन में कहा था कि युद्ध चाहे किसी भी क्षेत्र में हो, जीत या हार का फैसला जमीन पर ही होगा और रूस-यूक्रेन युद्ध ने इसे फिर से साबित कर दिया है।
भाषा धीरज