अत्याधुनिक अवसंरचना के साथ रेलवे देश के हर कोने में जा रही : भाजपा
मनीषा माधव
- 10 Mar 2025, 05:38 PM
- Updated: 05:38 PM
नयी दिल्ली, दस मार्च (भाषा) देश के विकास में रेलवे की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए भारतीय जनता पार्टी के एक सदस्य ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि एक समय था जब ट्रेनों में विस्फोट होते थे, लोगों की जान जाती थी और इसे ‘भगवा आतंकवाद’ का नाम दिया जाता था लेकिन आज अत्याधुनिक अवसंरचना के साथ रेलवे देश के हर कोने में पहुंच कर अपने समग्र विकास की गाथा खुद लिख रही है।
रेल (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा में हिस्सा ले रहे भाजपा सदस्य ब्रजलाल ने कहा कि रेलवे एक बहुत बड़ा नेटवर्क है जिसमें मिलजुलकर काम करना बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि रेलवे के समस्त विभागों में समन्वित कामकाज के लिए रेलवे बोर्ड जिम्मेदार होता है। इनके अलावा महानिदेशकों की भी अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि रेलवे के 16 जोन हैं। उन्होंने कहा कि सभी को मिलजुलकर काम करना होता है तब ही सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड के कामकाज के लिए 120 साल पुराना 1905 का कानून तब की स्थितियों के अनुरूप था जिसे बहुत पहले ही बदल दिया जाना चाहिए था लेकिन ‘‘तत्कालीन सरकार ने ऐसा नहीं किया।’’
ब्रजलाल ने कहा कि नए संशोधन से पुराना कानून तो निरस्त हो जाएगा लेकिन इसके प्रासंगिक प्रावधान 89 के कानून में समाहित होंगे। नए कानून से रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि अब नियुक्तियों की प्रक्रिया भी पारदर्शी हो जाएगी क्योंकि नए कानून में प्रशासनिक ढांचे के लिए स्पष्ट प्रावधान हैं। रेलवे बोर्ड की शक्तियों और कार्यों को सीधे इस कानून से जोड़ दिया गया है। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा ‘‘अब रेलवे में नौकरी के बदले जमीन नहीं ली जा सकेगी जिस मामले की जांच चल रही है।’’
भाजपा सदस्य ने कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल में आज पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न हिस्सों में ट्रेन पहुंच चुकी है और अवसंरचना का भी व्यापक विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज रेलवे स्टेशनों में साफ सफाई नियमित हो रही है और एस्केलेटर सहित कई अन्य सुविधाएं हैं जबकि पहले ऐसा नहीं था।
उन्होंने कहा कि पहले तो ट्रेनों में बम विस्फोट होते थे और लोगों की जान जाती थी और इस पर रोक लगाने के बजाय ‘‘भगवा आतंकवाद’’ की बात कही जाती थी। ‘‘तुष्टीकरण की इस राजनीति में वोट बैंक देखा जाता था। लेकिन आज केंद्र सरकार ने सुरक्षा पर पूरा ध्यान केंद्रित किया है और ऐसी घटनाएं अब नहीं होतीं।’’
चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के सुभाष बराला ने कहा कि विपक्ष के सदस्य इस बात का आरोप लगाते हैं कि रेलवे के लिए जो बजट अलग से लाया जाता है उसे मोदी सरकार ने आम बजट में मिला दिया। उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया है किंतु यह देखने वाली बात है कि रेलवे के विकास के लिए पूर्ववर्ती सरकारों ने अलग से कितना काम किया और वर्तमान सरकार ने कितना काम किया है।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत बनाने के लिए यह भी जरूरी है कि देश के कानून विकास की जरूरतों के अनुरूप हों। उन्होंने कहा कि वर्तमान विधेयक के प्रावधान इस दिशा में काम करेगा।
अन्नाद्रमुक सदस्य डॉ एम थंबीदुरै ने लंबित रेल परियोजनाओं को पूरी करने का आग्रह करते हुए कहा कि समय के साथ इन परियोजनाओं की लागत बढ़ जाती है और इनके पूरी न होने की वजह से लोगों की परेशानी भी बढ़ती जाती है।
उन्होंने सरकार पर विपक्ष शासित राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कई जगहों पर तो राज्य सरकारों ने जमीन से लेकर अन्य व्यवस्था भी कर दी लेकिन केंद्र ने किसी न किसी वजह से इन परियोजनाओं को अटका दिया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के डॉ वी शिवदासान ने कहा कि रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं की संख्या बताती है कि ‘कवच प्रौद्योगिकी’ की तत्काल जरूरत है लेकिन इसे अपनाया नहीं जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यात्रियों को रेलवे स्टेशनों पर कितनी सुविधा मिलती है, हाल ही में कुंभ के दौरान नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की घटना इसकी सच्चाई बताती है।
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक से दूर रहने की जरूरत तो रेखांकित की जाती है लेकिन इस पर अमल नहीं होता। उन्होंने कहा कि ‘‘वंदे भारत’’ ट्रेनों में सफाई कर्मियों को प्लास्टिक के थैले अपशिष्ट रखने के लिए दिए जाते हैं।
भाषा
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