पंजाब रोडवेज, पीआरटीसी के संविदा कर्मचारी तीन दिन की हड़ताल पर
राजेश राजेश अजय
- 09 Jul 2025, 06:11 PM
- Updated: 06:11 PM
होशियारपुर/कपूरथला (पंजाब), नौ जुलाई (भाषा) सरकारी स्वामित्व वाली पंजाब रोडवेज और पेप्सू सड़क परिवहन निगम के संविदा (ठेका) कर्मचारियों ने अपनी नौकरियों को नियमित करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को तीन दिन की हड़ताल पर शुरू की।
इसके चलते बड़ी संख्या में यात्रियों को राज्य के विभिन्न बस अड्डों पर दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने बताया कि पंजाब रोडवेज और पेप्सू सड़क परिवहन निगम (पीआरटीसी) की 2,500 से ज़्यादा बसें सड़कों से नदारद रहीं।
पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी संविदा कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार पर संविदा चालकों और कंडक्टरों की नौकरियों को नियमित करने, संविदा आधारित भर्ती को समाप्त करने और नई बसें शामिल करने जैसी अपनी लंबे समय से लंबित मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाने के लिए हड़ताल का आह्वान किया है।
प्रदर्शनकारियों ने राज्य के बस डिपो पर प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार से अपनी मांगों को स्वीकार करने की मांग की।
कई यात्री बस स्टैंड पर फंसे रहे, कुछ को घंटों इंतज़ार करना पड़ा या फिर निजी बसों का विकल्प चुनना पड़ा।
होशियारपुर में, हिमाचल प्रदेश के गगरेट के पास बाने दी हट्टी निवासी दविंदर कुमार (66) ने बताया कि वह आज सुबह अपनी पत्नी के साथ हिमाचल सड़क परिवहन निगम की बस से गुरदासपुर जाने के लिए सरकारी बस में सवार होने आए थे।
उन्हें पंजाब सरकार की बसों की हड़ताल के बारे में पता नहीं था और वह गुरदासपुर जाने वाली दूसरी सरकारी बस पकड़ने की उम्मीद में एक घंटे से ज़्यादा समय से बस स्टैंड पर इंतज़ार कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सरकारी बसों में सफ़र करना पसंद करता हूँ, लेकिन हड़ताल के बारे में पता चलने के बाद, मेरे पास खचाखच भरी निजी बस में सवार होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।’’
चंडीगढ़ में काम करने वाले और छोटी छुट्टी पर घर आए दसूया निवासी विशाल (21) ने भी अपनी निराशा व्यक्त की।
उन्होंने बताया कि वह आज सुबह एक निजी बस से दसूया से होशियारपुर पहुँचे थे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं लगभग एक घंटे से बस स्टैंड पर इंतज़ार कर रहा हूँ, लेकिन चंडीगढ़ जाने वाली एक भी निजी बस अभी तक नहीं आई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी बसें सड़कों से नदारद होने के कारण, मेरे पास निजी बस पर निर्भर रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, चाहे वह जब भी आए।’’
सरकारी बसों की कमी के कारण कई रूटों पर मांग बढ़ने से निजी बस संचालकों का कारोबार तेज़ी से बढ़ा।
संगरूर बस स्टैंड पर, निजी बैंक में काम करने वाले एक यात्री ने बताया कि पटियाला स्थित अपने कार्यालय जाने के लिए उसे एक घंटे से ज़्यादा समय तक बस का इंतज़ार करना पड़ा।
यूनियन के एक प्रतिनिधि ने कहा कि उन्होंने हड़ताल की सूचना एक महीने पहले ही दे दी थी।
इस बीच, सतीश राणा के नेतृत्व में पंजाब अधीनस्थ सेवा संघ और अध्यक्ष रमिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब रोडवेज़ पनबस एवं पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन और नई श्रम संहिताओं के विरोध में बस स्टैंड पर धरना दिया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने भाषण में, रमिंदर सिंह ने कहा कि हड़ताल का उद्देश्य पंजाब रोडवेज़, पनबस और पीआरटीसी में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण सहित लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करना है।
एक अन्य विरोध प्रदर्शन में, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) से जुड़े सैकड़ों कर्मचारियों ने महासचिव मोहिंदर सिंह बडोआन के नेतृत्व में ग्रीन व्यू पार्क से बस स्टैंड तक मार्च निकाला और केंद्र व राज्य सरकारों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना दिया।
कपूरथला में, विभिन्न ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े लगभग 200 प्रदर्शनकारियों ने बस स्टैंड के पास वाहनों का आवागमन अवरुद्ध कर दिया। उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में कपूरथला-जालंधर मार्ग के बीचों-बीच धरना दिया।
सीटू, इंटक और एटक जैसी केंद्रीय ट्रेड यूनियन चार श्रम संहिताओं, ठेका प्रथा और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को खत्म करने की मांग कर रहे हैं।
भाषा राजेश राजेश