कुत्ते पढ़ सकते हैं आपका दिमाग और चेहरा
(द कन्वरसेशन) वैभव सुरेश
- 13 Aug 2025, 03:14 PM
- Updated: 03:14 PM
(लौरा एलिन पिगट, लंदन साउथ बैंक यूनिवर्सिटी)
लंदन, 13 अगस्त (द कन्वरसेशन) जब आप रोते हैं तो आपका कुत्ता अपना सिर झुका लेता है, जब आप तनाव में होते हैं तो इधर-उधर टहलता है, और आपके सबसे बुरे पलों में किसी न किसी तरह आपके पास होता है। यह महज संयोग तो नहीं हो सकता।
हजारों सालों के सह-विकास ने कुत्तों को हमारी आवाजों, चेहरों और यहां तक कि मस्तिष्क के रसायन विज्ञान को समझने के खास तरीके दिए हैं। हमारी बातचीत को समझने वाले मस्तिष्क के क्षेत्रों से लेकर हमारी नजरें मिलाने पर बढ़ने वाले ‘लव हार्मोन’ या ऑक्सीटोसिन तक, आपके कुत्ते का दिमाग आपकी भावनाओं को समझने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
इस असाधारण भावनात्मक बुद्धिमत्ता का प्रमाण मस्तिष्क में ही शुरू होता है। कुत्तों के मस्तिष्क में आवाज के प्रति संवेदनशील क्षेत्र होते हैं, जो इंसानों के समान होते हैं।
एक ‘ब्रेन इमेजिंग’ अध्ययन में, अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि कुत्तों के ‘टेम्पोरल कॉर्टेक्स’ में आवाज को समझने वाले क्षेत्र होते हैं, जो ध्वनियों के जवाब में सक्रिय हो जाते हैं।
कुत्ते न केवल किसी भी ध्वनि पर, बल्कि आपकी आवाज के भावनात्मक स्वर पर भी प्रतिक्रिया देते हैं। कुत्तों के मस्तिष्क के अध्ययन से पता चलता है कि भावनात्मक ध्वनियां, मसलन हंसी, रोना, गुस्से से चीखना उनके श्रवण और भावनाओं को समझने से संबंधित मस्तिष्क के एक हिस्से को सक्रिय करती हैं।
कुत्ते बड़ी कुशलता से आपका चेहरा देखकर भी भावों को भांप सकते हैं। जब उन्हें मानव चेहरों की तस्वीरें दिखाई जाती हैं, तो कुत्तों के मस्तिष्क की गतिविधि बढ़ जाती है। एक अध्ययन में पाया गया है कि एक परिचित मानव चेहरा देखने से कुत्ते का मस्तिष्क आपके भावों को शब्दों में नहीं, बल्कि भावनाओं में समझने का प्रयास करता है।
कुत्ते न केवल आपके भावों को देखते हैं, बल्कि उन्हें समझ भी पाते हैं।
साल 2019 के एक अध्ययन में पाया गया कि कुत्ते और मनुष्य के कुछ जोड़ों में हृदय के पैटर्न तनावपूर्ण समय में समान थे। उनकी धड़कनें एक जैसी थीं।
यह घनिष्ठ संबंध से उत्पन्न होने वाली स्वत: विकसित सहानुभूति है।
ऑक्सीटोसिन प्रभाव:
कुत्ते-मानव संबंध में सबसे उल्लेखनीय खोज शायद वह रासायनिक संबंध है, जो हम साझा करते हैं। जब कुत्ते और इंसान एक-दूसरे से धीरे से नजरें मिलाते हैं, तो दोनों के ऑक्सीटोसिन के स्तर में वृद्धि होती है, जिसे अक्सर ‘प्रेम या लव हार्मोन’ कहा जाता है।
आश्चर्यजनक रूप से, यह प्रभाव केवल पालतू कुत्तों के लिए ही है। हाथ से पाले गए भेड़िये इंसानों की नजरों के संपर्क पर वैसी प्रतिक्रिया नहीं देते।
प्रयोगों से पता चलता है कि पालतू कुत्ते तस्वीरों में भी मुस्कुराते हुए चेहरे और गुस्से वाले चेहरे में अंतर कर सकते हैं।
कुत्ते यह समझने के लिए कई इंद्रियों का उपयोग करते हैं कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं। उल्लेखनीय रूप से, वे भावनाओं को भी सूंघ सकते हैं। वर्ष 2018 के एक अध्ययन में, डरे हुए लोगों के पसीने के संपर्क में आने वाले कुत्तों ने खुश लोगों के पसीने की गंध की तुलना में अधिक तनाव प्रदर्शित किया। संक्षेप में, आपकी चिंता आपके कुत्ते को अप्रिय लगती है, जबकि आपकी शांति और खुशी उन्हें सहज महसूस करा सकती है।
कुत्ते मानवीय भावनाओं के प्रति इतने उल्लेखनीय रूप से कैसे अभ्यस्त हो गए? इसका उत्तर हमारे साथ उनकी विकासवादी यात्रा में निहित है। कुत्तों का दिमाग उनके जंगली भेड़िये पूर्वजों की तुलना में छोटा होता है, लेकिन पालतू बनाए जाने की प्रक्रिया में, उनके दिमाग में सामाजिक और भावनात्मक बुद्धिमत्ता को बढ़ाने के संबंध में पुन: संरचना हुई होगी।
कुत्तों में, हजारों सालों से हमारे साथी के रूप में रहने के कारण, मानव सामाजिक संकेतों को पढ़ने के लिए उनके मस्तिष्क के मार्ग परिष्कृत हो गए हैं।
(द कन्वरसेशन) वैभव