वैश्विक समस्याओं के बावजूद भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल: राष्ट्रपति मुर्मू
अविनाश
- 14 Aug 2025, 07:34 PM
- Updated: 07:34 PM
नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में समस्याओं के बावजूद भारत पिछले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है तथा मुद्रास्फीति पर नियंत्रण है और निर्यात बढ़ रहा है।
उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम पर संबोधन में यह भी कहा कि भारत, 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर अग्रसर है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘पिछले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि-दर के साथ भारत, दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में व्याप्त समस्याओं के बावजूद, घरेलू मांग में तेजी से वृद्धि हो रही है। मुद्रास्फीति पर नियंत्रण बना हुआ है। निर्यात बढ़ रहा है। सभी प्रमुख संकेतक, अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति को दर्शा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह हमारे श्रमिक और किसान भाई-बहनों की कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ-साथ, सुविचारित सुधारों और कुशल आर्थिक प्रबंधन का भी परिणाम है।’’
उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि सुशासन के माध्यम से, बड़ी संख्या में, लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘सरकार, गरीबों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। जो लोग गरीबी-रेखा से ऊपर तो आ गए हैं लेकिन मजबूत स्थिति में नहीं हैं, उनको भी ऐसी योजनाओं की सुरक्षा उपलब्ध है ताकि वे फिर से गरीबी रेखा से नीचे न चले जाएं। ये कल्याणकारी प्रयास, सामाजिक सेवाओं पर बढ़ते खर्च में परिलक्षित होते हैं।’’
मुर्मू के अनुसार, ‘‘आय की असमानता कम हो रही है। क्षेत्रीय असमानताएं भी कम हो रही हैं। जो राज्य और क्षेत्र पहले कमजोर आर्थिक प्रदर्शन के लिए जाने जाते थे, वे अब अपनी वास्तविक क्षमता प्रदर्शित कर रहे हैं और अग्रणी राज्यों के साथ बराबरी करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अग्रणी व्यवसायियों, लघु एवं मध्यम उद्यमियों और व्यापारियों ने हमेशा, कुछ कर गुजरने की भावना का परिचय दिया है।’’
राष्ट्रपति का कहना था कि समृद्धि के सृजन के मार्ग में आने वाली रुकावटों को दूर करने की आवश्यकता थी और पिछले एक दशक के दौरान बुनियादी ढांचे में हुए विकास में यह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
मुर्मू ने कहा, ‘‘हमने भारतमाला परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया है। रेलवे ने भी नवाचार को प्रोत्साहन दिया है तथा नवीनतम प्रौद्योगिकी से युक्त नए तरह की रेलगाड़ियों और डिब्बों का उपयोग किया जाने लगा है। कश्मीर घाटी में रेल-संपर्क का शुभारंभ करना, एक प्रमुख उपलब्धि है।’’
उन्होंने कहा कि शेष भारत के साथ घाटी का रेल-संपर्क, उस क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा और नयी आर्थिक संभावनाओं के द्वार खोलेगा तथा कश्मीर में इंजीनियरिंग की यह असाधारण उपलब्धि, हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
उनका कहना था, ‘‘सामाजिक क्षेत्र में किए गए प्रयासों से संवर्धित, समग्र आर्थिक विकास के बल पर भारत, 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर अग्रसर है। मैं समझती हूं कि अमृत काल के इस दौर में, आगे बढ़ते जाने की राष्ट्रीय यात्रा में, सभी देशवासी यथाशक्ति अपना सर्वाधिक योगदान देंगे।’’
मुर्मू ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि समाज के तीन ऐसे वर्ग हैं जो हमें प्रगति के इस मार्ग पर आगे बढ़ाएंगे। ये तीनों वर्ग हैं - हमारे युवा, महिलाएं और वे समुदाय, जो लंबे समय से हाशिये पर रहे हैं।’’
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