उप्र मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने चुनाव में धांधली के आरोपों पर सपा प्रमुख को दिया जवाब
सलीम सिम्मी
- 20 Aug 2025, 11:29 PM
- Updated: 11:29 PM
लखनऊ, 20 अगस्त (भाषा) कासगंज, बाराबंकी और जौनपुर के जिलाधिकारियों के बाद अब उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ यूपी) कार्यालय ने भी चुनाव में धांधली के आरोप लगाने पर समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव को जवाब दिया है।
सीईओ कार्यालय ने सपा प्रमुख द्वारा ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा कर एक किशोर द्वारा अलग-अलग मौकों पर वोट डाले जाने पर उठाये गये सवाल को लेकर विस्तृत प्रतिक्रिया दी है।
कार्यालय ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर साझा की गई पोस्ट में कहा कि पूरे चुनाव में अपनी तरह के इस एकमात्र प्रकरण में आयोग ने वीडियो का संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई की थी।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक, मतदान प्रक्रिया में लापरवाही बरते जाने के आरोप में मतदेय स्थल पर तैनात सभी मतदान अधिकारियों को निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी थी। साथ ही मतदेय स्थल पर 25 मई को पुनर्मतदान भी कराया गया था।
दरअसल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 17 अगस्त को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में एक वीडियो टैग करते हुए कहा था, ‘‘निर्वाचन आयोग को चुनौती देता एक भाजपाई का यह वीडियो चुनावी धांधली करने वालों द्वारा दिया गया एक जीता जागता हलफनामा है, मुख्य निर्वाचन आयुक्त इसका जवाब तो दे।''
उस वीडियो में एक किशोर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में वोट डाल रहा है और उसकी वीडियो भी बना रहा है। वीडियो में वह अलग-अलग मौकों पर कुल आठ बार वोट डालता दिख रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने इस पर अपनी विस्तृत पोस्ट में कहा, ‘‘संदर्भित वीडियो लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2024 के चौथे चरण में उत्तर प्रदेश के 40-फर्रूखाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सम्मिलित 103-अलीगंज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र (जनपद एटा) के मतदेय स्थल संख्या 343-प्राथमिक पाठशाला खिरिया पमारान में 13 मई 2024 को हुए मतदान का है। यह वीडियो पहली बार 19 मई 2024 को सोशल मीडिया के जरिये संज्ञान में आने पर उसी दिन मामले की प्राथमिक जांच की गई थी।’’
पोस्ट में कहा गया, ‘‘प्राथमिक जांच से पता चला था कि वीडियो में दिखने वाले व्यक्ति की उम्र 18 वर्ष से कम थी एवं उसका स्वंय का नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं था। इस किशोर ने वृद्ध तथा अशक्त मतदाताओं का सहयोगी बनकर अलग-अलग समय पर कई बार मतदेय स्थल में प्रवेश किया और सहयोगी के रूप में उन मतदाताओं का वोट डाला था। किशोर ने वीडियो इस प्रकार बनाया और उसे एडिट किया जिससे कि वीडियो में अलग-अलग समय वोट डालते हुए वह अकेला ही नजर आता है।’’
पोस्ट में सीईओ (उत्तर प्रदेश) ने कहा, ‘‘उल्लेखनीय है कि चुनाव संबंधी नियमों के तहत यह प्रावधान है कि अगर कोई मतदाता किसी अशक्तता अथवा अधिक आयु के चलते स्वयं मतदान करने में असमर्थ है तो वह मतदान करने में सहायता प्रदान करने के लिए एक सहयोगी की सहायता ले सकता है, लेकिन शर्त यह है कि कोई व्यक्ति एक से अधिक मतदाताओं का सहयोगी नहीं बन सकता है और सहयोगी की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी जरूरी है। प्राथमिक जांच से यह पता चला कि मतदेय स्थल पर मतदान संबंधी नियमों का उल्लंघन किया गया एवं मतदेय स्थल पर तैनात मतदान कर्मियों ने अपने दायित्वों का निर्वहन सही ढंग से नहीं किया।’’
उन्होंने कहा, ''प्राथमिक जांच के उपरांत उसी दिन 19 मई 2024 को थाना नयागांव, जनपद-एटा पर प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 46/2024, दर्ज करा दी गयी थी। मतदान प्रक्रिया में लापरवाही किये जाने के आरोप में मतदेय स्थल पर तैनात सभी मतदान अधिकारियों को निलम्बित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी थी। मतदेय स्थल पर दिनांक 25 मई को पुनर्मतदान भी करा दिया गया था।''
पोस्ट में दावा किया गया कि पूरे उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव-2024 में इस प्रकार का यह एकमात्र प्रकरण था और इसे पूरी गंभीरता से लेते हुए मामले में त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई की गई थी।
इससे पहले, बुधवार को कासगंज, बाराबंकी और जौनपुर के जिलाधिकारियों ने भी चुनाव में धांधली के आरोप लगाने पर यादव को जवाब दिया था। तीनों ने 2022 के चुनावों के दौरान मतदाताओं के नाम गलत तरीके से हटाए जाने के यादव के आरोपों का सार्वजनिक रूप से खंडन किया था।
जिलाधिकारियों ने 'एक्स' पर अलग-अलग कहा था कि नियमों के अनुसार नाम हटाए गए थे और कुछ मामलों में नाम अब भी मतदाता सूची में मौजूद हैं।
भाषा सलीम