झारखंड के पांच शहरों से होकर गुजरने वाली नदियों का पुनरुद्धार होगा: अधिकारी
सुमित पवनेश
- 21 Aug 2025, 05:47 PM
- Updated: 05:47 PM
रांची, 21 अगस्त (भाषा) केंद्र सरकार की एक योजना के तहत झारखंड के पांच शहरों से होकर गुजरने वाली नदियों का जल्द ही पुनरुद्धार किया जाएगा और पर्यावरण अनुकूल वातावरण विकसित किया जाएगा। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि झारखंड के आदित्यपुर, चास, धनबाद, रांची और साहिबगंज (राजमहल) जैसे शहरों को गंगा, दामोदर, खरकई, हरमू और स्वर्णरेखा नदियों के पुनरुद्धार के पहले चरण के लिए चुना गया है।
यह परियोजना शहरी नदी प्रबंधन योजना (यूआरएमपी) के अंतर्गत क्रियान्वित की जाएगी जो नदी शहर गठबंधन (आरसीए) के प्रमुख घटकों में से एक है।
अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य नदी के पानी को साफ करना और निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि पर्यावरण अनुकूल वातावरण बनाने के लिए नदी तट विकास और पौधारोपण जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देना भी इस पहल का हिस्सा है।
बुधवार को परियोजना पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में झारखंड शहरी विकास एवं आवास विभाग के सचिव सुनील कुमार ने कहा कि हर शहर की अलग-अलग चुनौतियां हैं इसलिए प्रत्येक शहर के लिए एक विशिष्ट योजना तैयार की जानी चाहिए।
कुमार ने कहा कि वृहद गंगा नदी तटों वाले राज्यों को केंद्र के नमामि गंगे कार्यक्रम से अधिक लाभ हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि झारखंड में गंगा नदी का केवल 80 किलोमीटर का क्षेत्र है इसलिए इसकी सहायक नदियों को भी इस कार्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। ये नदियां अंततः गंगा नदी के जल में योगदान करती हैं। यह परियोजना गंगा नदी के जल को स्वच्छ रखने और उसकी निर्बाध धारा सुनिश्चित करने में मदद करेगी।"
झारखंड सरकार पहले से ही राज्य में नदियों के संरक्षण, पुनरुद्धार, सौंदर्यीकरण और प्रबंधन के लिए कई कार्यक्रम चला रही है।
उन्होंने कहा, "हमारा प्रयास है कि नदियों को बुनियादी ढांचे और शहरी विकास की प्राथमिकता सूची में रखा जाए। नदी तट विकास और एसटीपी के निर्माण, पौधारोपण सुनिश्चित करने और नदियों के आसपास पर्यावरण अनुकूल वातावरण बनाने के लिए काम चल रहा है।"
उन्होंने कहा ‘‘हमारा प्रयास है कि नदियों को अवसंरचना और शहरी विकास के लिए प्राथमिकता सूची पर रखना।
झारखंड में नमामि गंगे परियोजना के निदेशक सूरज कुमार ने कहा कि सभी शहरी स्थानीय निकायों को शहरी नदी प्रबंधन योजना तैयार करते समय जन भागीदारी बढ़ानी चाहिए और प्रत्येक हितधारक को शामिल करना चाहिए।
भाषा सुमित