मंगलवार तक मराठों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण दिया जाए, अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें: जरांगे
सुभाष अविनाश
- 25 Aug 2025, 08:53 PM
- Updated: 08:53 PM
छत्रपति संभाजीनगर, 25 अगस्त (भाषा) मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा देने के लिए 26 अगस्त तक की आखिरी मोहलत दी।
जरांगे ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वह बुधवार को मुंबई जाएंगे और 29 अगस्त को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
वहीं, राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा ने पलटवार करते हुए जरांगे को राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार का ‘प्यादा’ करार दिया और उन पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाने का आरोप लगाया।
जालना जिले में पत्रकारों से बात करते हुए जरांगे ने कहा, ‘‘अगर कोटा नहीं दिया गया तो मैं सरकार गिरा सकता हूं। अंतरवाली सराटी गांव से रवाना होने के बाद मैं किसी की नहीं सुनूंगा।’’
उन्होंने कहा कि मुंबई मार्च 27 अगस्त गणेश चतुर्थी के दिन शुरू होगा।
जरांगे ने कहा, ‘‘28 अगस्त को हम शिवनेरी किला जाएंगे और फिर राजगुरुनगर, चाकन, लोनावाला, पनवेल, वाशी और चेंबूर होते हुए आज़ाद मैदान पहुंचेंगे। मैं 29 अगस्त को भूख हड़ताल पर बैठूंगा।’’
उन्होंने मराठा समुदाय के सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने और हैदराबाद, सतारा और बंबई राजपत्रों को लागू करने की मांग दोहराई।
उन्होंने कहा, ‘‘हम मुंबई में यातायात अवरुद्ध नहीं करेंगे या अराजकता पैदा नहीं करेंगे। हम न्याय पाने के लिए शांतिपूर्वक जा रहे हैं। आरक्षण ओबीसी कोटे से आना चाहिए, न कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के 10 प्रतिशत कोटे से।’’
जरांगे ने कहा, ‘‘अगर सरकार अड़ी रही तो यह राज्य और देश के लिए खतरनाक होगा। सत्ता में बैठे लोगों को अड़ियल नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अड़ियल रुख के कारण उनके खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है। अगर हमें आरक्षण नहीं दिया गया तो सरकार को इसके परिणाम भुगतने होंगे।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 29 जातियों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने के कदम से मराठा समुदाय भड़क गया है।
जरांगे ने दावा किया कि उन्होंने दो महीने पहले मुख्यमंत्री फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार सहित महाराष्ट्र के सभी 288 विधायकों को फोन किया था और उनसे ‘‘मराठा समुदाय की मांग’’ पर ध्यान देने को कहा था।
उन्होंने मराठा समुदाय के डॉक्टरों, शिक्षकों, बस परिचालकों, किसानों और व्यापारियों के साथ-साथ आम लोगों से मुंबई में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की।
इस बीच, भाजपा ने आरोप लगाया कि मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मां के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। हालांकि, जरांगे ने इस आरोप से इनकार किया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और और विधान पार्षद (एमएलसी) प्रवीण दरेकर ने कहा, ‘‘सभ्य महाराष्ट्र जरांगे को कभी माफ नहीं करेगा। मुंबई उच्च न्यायालय ने (सामाजिक आयोजनों के दौरान) डीजे और उच्च ध्वनि के उपकरणों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है और (लागू करने की) जिम्मेदारी पुलिस की है, लेकिन जरांगे ने (इस मुद्दे पर) मुख्यमंत्री की मां को निशाना बनाया।’’
दरेकर ने कहा, ‘‘फडणवीस के प्रति व्यक्तिगत द्वेष से ग्रस्त होकर उन्होंने उनकी मां का अपमान किया। जो व्यक्ति ऐसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है, वह छत्रपति शिवाजी महाराज का अनुयायी नहीं हो सकता।’’
भाजपा के अन्य विधान पार्षद प्रसाद लाड ने आरोप लगाया कि जरांगे मराठा आरक्षण आंदोलन के नाम पर अपनी दुकान चला रहे हैं, जबकि महिलाओं का अपमान कर रहे हैं।
महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नवनाथ बान ने कहा कि जरांगे ने सभी सीमाएं लांघ दी हैं।
जरांगे ने आरोपों का खंडन करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने (मुख्यमंत्री की मां के खिलाफ) कोई अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। अगर कुछ भी (अपमानजनक) कहा गया है, तो मैं उसे वापस लेता हूं।’’
भाषा सुभाष