अमेरिकी लोकतंत्र को खत्म होते देखने का नवीनतम संकेत है जिम्मी किमेल के कार्यक्रम का रद्द होना
(द कन्वरसेशन) सुभाष माधव
- 22 Sep 2025, 04:35 PM
- Updated: 04:35 PM
(एम्मा शॉर्टिस, आरएमआईटी विश्वविद्यालय)
मेलबर्न, 22 सितंबर (द कन्वरसेशन) इतिहास की राह कभी सीधी नहीं होती। लेकिन इसके मोड़ बहुत तीखे हो सकते हैं।
यह बहुत मुश्किल है कि हम किसी क्षण को पहचान पाएं और कह सकें कि – ‘‘यही वह पल है, जब सब कुछ बदल गया।’’
तो क्या हम उस स्थिति में पहुंच चुके हैं जब यह कहा जा सके कि अमेरिका एक संवैधानिक संकट में है? क्या अमेरिकी लोकतंत्र विफल हो चुका है? क्या अमेरिका अधिनायकवाद में प्रवेश कर गया है?
यदि इन सवालों के जवाब पहले स्पष्ट नहीं थे, तो अब हैं।
हां। यह हो रहा है। अभी।
किसी एक घटना के कारण नहीं, बल्कि कई क्षणों और फैसलों, और सर्वविदित ऐतिहासिक परिस्थितियों के भीतर हो रही घटनाओं के चलते, अमेरिका को गर्त की ओर धकेला जा रहा है।
चार्ली किर्क की हत्या और उसके बाद प्रशासन द्वारा लिए गए फैसले ऐसा ही एक क्षण है। यह तुरंत स्पष्ट हो गया था कि ट्रंप प्रशासन किर्क की हत्या को अपने अधिनायकवादी एजेंडे को तेज करने और वास्तविक एवं काल्पनिक -- दोनों तरह के विरोधियों को कुचलने के बहाने के रूप में इस्तेमाल करेगा।
ओवल ऑफिस से एक वीडियो संबोधन में ट्रंप ने ‘‘रेडिकल लेफ्ट’’ को जिम्मेदार ठहराया और ‘‘उन संगठनों’’ पर कार्रवाई का वादा किया जिन्होंने ‘‘अपराध में भूमिका’’ निभाई। उनके उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने किर्क के पॉडकास्ट की मेजबानी की, जिससे वह प्रभावी रूप से सरकार-प्रायोजित मीडिया का एक औजार बन गया।
उस शो में व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर ने कहा, ‘‘हम न्याय विभाग, गृह सुरक्षा और सरकार के सभी संसाधनों का इस्तेमाल करके इन नेटवर्क की पहचान, उन्हें बाधित, ध्वस्त और खत्म करेंगे।’’
‘मैगा’ (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) में ‘‘रेडिकल लेफ्ट’’, ‘‘नेटवर्क’’ और ‘‘आर्गेनाइजेशन’’ जैसे शब्द किसी भी तरह के विरोध या असहमति के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं, जिसमें डेमोक्रेटिक पार्टी और पारंपरिक मीडिया भी शामिल हैं। हालांकि, अब ‘‘रेडिकल लेफ्ट’’ जैसे शब्द वामपंथ के प्रति झुकाव, प्रगतिशील या यहां तक कि “उदारवादी” तक के लिए इस्तेमाल किए जाने लगे हैं।
ट्रंप प्रशासन अपने विरोधियों के वित्तपोषण व्यवस्था को निशाना बनाने का वादा कर रहा है। और वह करेगा भी। यह पहले से ही संघीय एजेंसियों -- जिनमें एफबीआई और आईआरएस शामिल हैं -- का इस्तेमाल अपने विरोधियों को धमकाने, दंडित करने और मिटा देने के लिए कर रहा है।
बुधवार को फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (एफसीसी) के चेयरमैन ब्रेंडन कर एक अन्य अतिवादी पॉडकास्ट पर दिखाई दिए। उन्होंने सुझाव दिया कि जिम्मी किमेल लाइव! शो प्रसारित करने वाले प्रसारकों को किमेल की टिप्पणियों के चलते “जुर्माना या लाइसेंस रद्द होने का खतरा” हो सकता है।
उसी रात, एबीसी ने घोषणा की कि किमेल का शो अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया गया है।
इससे पहले, ट्रंप ने ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कमीशन (एबीसी) पत्रकार जॉन लायंस पर आक्रामक टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह ‘‘ऑस्ट्रेलिया को नुकसान पहुंचा रहे हैं’’ और वह इस बारे में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री से बात करेंगे।
ये सभी घटनाएं आपस में जुड़ी हुई हैं -- एक सुनियोजित, सावधानी से तैयार की गई योजना का हिस्सा, जिसका मकसद है -- ट्रंप द्वारा परिभाषित रिपब्लिकन विचारधारा का विरोध या प्रश्न उठाने वाली हर चीज को नष्ट करना।
इस हफ्ते भी ट्रंप प्रशासन ने टेनेसी के मेम्फिस में नेशनल गार्ड की तैनाती की घोषणा की। संभावना है कि इसे शिकागो में भी भेजा जाएगा, जिसका लंबे समय से जिक्र हो रहा है। यह पहले ही लॉस एंजिलिस और वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड भेज चुका है।
ट्रंप और उनके सहयोगी खुलेआम अन्य “डेमोक्रेट शहरों” की बात कर रहे हैं। मकसद है डर पैदा करना और असहमति को दबाना। और यह काम कर रहा है।
इस महीने, अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद, ट्रंप ने मेल-इन वोटिंग समाप्त करने का वादा किया। उच्चतम न्यायालय मतदान अधिकार अधिनियम के एक प्रमुख प्रावधान को कमजोर करने की तैयारी में है। मध्यावधि चुनाव अभी एक साल से ज्यादा दूर हैं।
अविश्वसनीय रूप से, हम ट्रंप प्रशासन के दूसरे कार्यकाल के केवल आठ महीने में ही हैं। लेकिन ऐसे क्षण आते रहेंगे, और उनकी गति और तेज़ होगी।
समग्र रूप से देखें तो वे अमेरिकी लोकतंत्र के भविष्य की बहुत धुंधली तस्वीर पेश करते हैं, जो पहले से ही सीमित है। असहमति को दबाने का यह व्यापक, समन्वित प्रयास -- और उससे पैदा हुआ भय --– अमेरिकी राजनीतिक जीवन की बुनियाद को कमजोर कर रहा है।
यहां, अभी यह सब हो रहा है। इतिहास हमारी आंखों के सामने लिखा जा रहा है।
यह एक व्यापक बदलाव है। अमेरिका के लिए। पूरी दुनिया के लिए।
(द कन्वरसेशन) सुभाष