‘जोड़ा साहिब’ का स्वागत:मुख्यमंत्री योगी बोले,भारतीय विरासत में सिख गुरुओं का अविस्मरणीय योगदान रहा
मनीषा संतोष
- 28 Oct 2025, 03:58 PM
- Updated: 03:58 PM
लखनऊ, 28 अक्टूबर(भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि भारत की सनातन विरासत में सिख गुरुओं ने अविस्मरणीय योगदान दिया है। लखनऊ में ‘चरण सुहावे गुरु चरण यात्रा’ के तहत पहुंचने पर पवित्र ‘जोड़ा साहिब’ का भव्य स्वागत किया गया।
यह यात्रा सिख समुदाय की आस्था का एक प्रतीक है जो दसवें सिख गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी और माता साहिब कौर के पूजनीय ‘जोड़ा साहिब’ (चरण पादुका) से जुड़ी है, जिन्हें सिख भक्ति के सबसे पवित्र प्रतीकों में से एक माना जाता है।
इस कार्यक्रम के दौरान, आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु परंपरा ने भारत को न केवल आस्था, बल्कि सेवा, त्याग और राष्ट्र रक्षा के आदर्श भी प्रदान किए हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस आध्यात्मिक विरासत को अक्षुण्ण रखें और आने वाली पीढ़ियों तक इसकी प्रेरणा को पहुंचाएं। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे।
एक बयान के मुताबिक लखनऊ के यहियागंज गुरुद्वारे में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवाणी सुनी और यात्रा में शामिल सदस्यों के सिर पर पगड़ी बांधकर उन्हें सम्मानित किया।
गुरुद्वारा कमेटी ने अंग वस्त्र व स्मृति चिह्न भेंट करके मुख्यमंत्री का स्वागत किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा,‘‘हमारी परंपरा में यह कहा गया है, ‘‘जिथे जाए बहे मेरा सतगुरु, सो थान सुहावा राम राजे।’’ अर्थात जहां भी गुरु महाराज के पावन चरण पड़ते हैं, वह स्थान रामराज्य की तरह पवित्र और पुण्यभूमि बन जाता है।''
उन्होंने कहा कि यह यात्रा हमें उस गौरवशाली गुरु परंपरा से जोड़ती है, जिसने भारत की संस्कृति, साहस और बलिदान की भावना को नई दिशा दी।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह यात्रा गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर शुरू हुई है। यह केवल श्रद्धा की यात्रा नहीं, बल्कि त्याग, बलिदान और राष्ट्र के प्रति समर्पण की प्रेरणा देने वाली यात्रा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग ढाई सौ वर्षों से गुरु महाराज की पावन चरण पादुकाएं, जो पहले अखंड भारत के हिस्से पाकिस्तान में थीं, अब पटना साहिब में स्थापित की जा रही हैं। दिल्ली से शुरू हुई यह यात्रा पूरे देश में गुरु परंपरा के प्रति सम्मान और गौरव का भाव जगाती जा रही है।
उन्होंने कहा कि लखनऊ का यहियागंज गुरुद्वारा इसलिए भी विशेष है क्योंकि गुरु तेग बहादुर जी और गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की स्मृतियां इस स्थान से जुड़ी हैं। यह गुरुद्वारा हमारी साझा आस्था और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख समाज की यह यात्रा केवल अतीत की स्मृति नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए मार्गदर्शन है।
उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे इस “गुरु चरण यात्रा” को राष्ट्रीय एकता और आध्यात्मिक जागरण के संदेश के रूप में आगे बढ़ाएं।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, उप्र के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परबिंदर सिंह के अलावा गुरुद्वारा कमेटी के पदाधिकारी व कई जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहे।
भाषा जफर
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