भाजपा ने 95 वर्षीय बुजुर्ग की मौत को 'एसआईआर’ से जोड़ने के लिए ममता पर साधा निशाना
आशीष संतोष
- 30 Oct 2025, 10:23 PM
- Updated: 10:23 PM
नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बीरभूम जिले में 95 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत को ‘‘एसआईआर और एनआरसी के डर’’ से ‘‘गलत’’ तरीके से जोड़कर इसका राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। भाजपा ने कहा कि उनकी ‘‘पटकथा’’ चुनावी लाभ के लिए लिखी गई जो ‘‘हताश चाल’’ के अलावा और कुछ नहीं है।
पुलिस के अनुसार, क्षितिज मजूमदार बुधवार रात बीरभूम के इल्लमबाजार इलाके में अपनी बेटी के घर पर फंदे से लटके पाए गए। परिवार के सदस्यों ने बताया कि 2002 की मतदाता सूची में अपना नाम नहीं होने की जानकारी मिलने के बाद से वह चिंतित थे।
पश्चिम बंगाल में पिछले 72 घंटों में यह दूसरी ऐसी मौत है। इससे पहले कोलकाता के पास पानीहाटी में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी।
बनर्जी ने राज्य में मतदाता सूची के प्रस्तावित विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के डर से जुड़ी कथित मौतों और आत्महत्या के प्रयास की निंदा की और कहा कि ये घटनाएं "भाजपा की भय, विभाजन और घृणा की राजनीति के दुखद परिणामों" को दर्शाती हैं।
पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने उन पर पलटवार करते हुए कहा, "पानीहाटी के 57 वर्षीय प्रदीप कर की दुखद आत्महत्या पर ममता बनर्जी का सफेद झूठ पहले ही उजागर हो चुका है, क्योंकि उन्होंने बेशर्मी से उनकी मौत को राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से जोड़ने की कोशिश की।"
मालवीय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, "अब, वह और निम्न स्तर को छू रही हैं। इस बार, वह 95 वर्षीय क्षितिज मजूमदार की मौत को एसआईआर और एनआरसी से जोड़कर इसका राजनीतिकरण कर रही हैं।"
बनर्जी की टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए भाजपा नेता ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि वह कितने अहंकार से यह मान लेती हैं कि पश्चिम बंगाल के लोग इतने भोले हैं कि वे उनके झूठ पर विश्वास कर लेंगे।
उन्होंने कहा, "95 वर्षीय एक व्यक्ति, जो 1930 में जन्मा और जन्म से भारतीय था, वह 'एसआईआर' पर अपनी जान क्यों देगा? अगर किसी भी तर्क से वह विभाजन के बाद भारतीय नागरिक नहीं था और बाद में भारत आ गया, तो भी वह हिंदू होने के नाते सीएए के तहत भारतीय नागरिकता के लिए स्वतः ही पात्र था।"
मालवीय ने आरोप लगाया कि सच्चाई यह है कि एसआईआर नहीं, बल्कि बनर्जी का "भ्रष्ट और ढहता प्रशासन खून से रंगा है।"
उन्होंने कहा, "उनकी वर्तमान पटकथा एक हताशापूर्ण चाल है। यह चुनावी लाभ के लिए लिखी गई है और इसका उद्देश्य बंगाल की बुद्धिमत्ता और लोकतंत्र की आत्मा का अपमान करना है।"
उन्होंने कहा कि भाजपा जब राज्य में सत्ता में आ जाएगी, तो वह ऐसी सभी आत्महत्याओं की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करेगी और "तृणमूल कांग्रेस के हर बदमाश" को न्याय के कठघरे में लाएगी।
भाषा आशीष