केरल सरकार का ‘पीएम श्री योजना’ को स्थगित करने का निर्णय केवल कागजी है: जॉर्ज कुरियन
संतोष
- 31 Oct 2025, 02:09 PM
- Updated: 02:09 PM
कोच्चि, 31 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने शुक्रवार को कोच्चि में कहा कि केंद्र के साथ हस्ताक्षरित ‘पीएम श्री योजना’ के तहत आगे की प्रक्रियाओं को रोकने के लिए केरल सरकार ने जो पत्र जारी करने का निर्णय लिया है उसका केवल ‘‘कागजी महत्व’’ होगा।
राज्य सरकार ने इस मामले पर लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) द्वारा असहमति जताने के बाद केंद्र के साथ हस्ताक्षरित अपने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है यानी इस पर अमल को स्थगित कर दिया है।
कुरियन ने इस कदम की तुलना राज्य विधानसभाओं की ओर से संसद द्वारा बनाए गए कानूनों के खिलाफ अध्यादेश पारित करने से की और कहा कि इस मामले पर अंतिम निर्णय केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय लेगा।
उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार को दावा करने दीजिए कि उनकी जीत हुई है। उन्हें भाजपा से पैसा नहीं चाहिए।’’
कुरियन ने कहा कि एनईपी और ‘पीएम श्री’ दोनों ही केंद्र सरकार की पहल है। उन्होंने कहा कि इनका कार्यान्वयन राज्य पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य को बच्चों का भविष्य दांव पर नहीं लगाना चाहिए। स्कूली छात्र देश के नागरिक हैं और उन्हें शिक्षा का अधिकार है। राज्य सरकार इसे रोक नहीं सकती।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि ‘पीएम श्री योजना’ को रोककर राज्य सरकार गरीब परिवारों के छात्रों को अवसरों से वंचित कर रही है।
कुरियन ने कहा कि एनईपी-आधारित पाठ्यक्रम कौशल संवर्धन पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, ‘‘कक्षा छह से छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है और विनिर्माण प्रक्रियाओं के बारे में सिखाया जाता है। कक्षा नौ से उन्हें कौशल-आधारित प्रशिक्षण मिलता है और कक्षा 12 तक वे स्वरोजगार या विभिन्न व्यवसायों के लिए कौशल हासिल कर लेते हैं।’’
उन्होंने कहा कि ‘पीएम श्री योजना’ में शामिल होने के बाद से पाठ्यक्रम को लेकर कोई चिंता नहीं होनी चाहिए क्योंकि शिक्षा समवर्ती सूची के अंतर्गत आती है।
मंत्री ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) केवल पाठ्यक्रम के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करता है। एससीईआरटी ही राज्य का पाठ्यक्रम तय करता है।’’
इस बीच, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की केरल इकाई ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि ‘पीएम श्री’ के संबंध में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन को स्थगित करने के राज्य सरकार के अनुरोध को खारिज किया जाए।
पत्र में एबीवीपी ने दावा किया कि राज्य सरकार का निर्णय पूरी तरह से राजनीतिक है और छात्रों के हितों के विरुद्ध है।
पत्र में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की गई है ताकि इस योजना का लाभ उन छात्रों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
भाषा सुरभि