पुलवामा आतंकी हमले से जुड़े होने का आरोप लगाकर व्यक्ति से करीब 10 लाख रुपये की ठगी
अमित मनीषा
- 03 Nov 2025, 05:44 PM
- Updated: 05:44 PM
(सौम्या शुक्ला)
नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) स्वयं को आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) का प्रमुख बताकर एक व्यक्ति ने दिल्ली के 32 वर्षीय एक व्यक्ति पर पुलवामा आतंकवादी हमले में शामिल होने का आरोप लगाकर उससे कथित तौर पर नौ लाख रुपये से अधिक की ठगी कर ली। यह जानकारी पुलिस ने सोमवार को दी।
चौदह अक्टूबर को एक मामला दर्ज किया गया, जब करोल बाग निवासी शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि 13 अगस्त को उन्हें कई अज्ञात नंबर से कॉल आयीं और कॉल करने वालों ने उस पर 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में शामिल होने का झूठा आरोप लगाया।
पुलिस ने प्राथमिकी का हवाला देते हुए बताया कि आरोपियों ने दावा किया कि कश्मीर में पीड़िता के नाम से खोले गए बैंक खाते में 50 लाख रुपये जमा कराए गए हैं।
पुलिस ने कहा, ‘‘मेरे मोबाइल नंबर पर तीन अलग-अलग नंबरों से फोन आए, जिनमें कॉल करने वालों ने मुझ पर कश्मीर में पुलवामा हमले में शामिल होने का झूठा आरोप लगाया और कहा कि कश्मीर में मेरे नाम से खोले गए बैंक खाते में 50 लाख रुपये जमा किए गए हैं।"
प्राथमिकी में कहा गया है कि कॉल करने वालों ने पीड़ित को यह कहते हुए मामले को गुप्त रखने की चेतावनी दी कि यह अकाउंट उसके पहचान पत्र से जुड़ा है और इसमें 'प्रभावशाली लोग' शामिल हैं।
इसमें कहा गया है कि इसके बाद, कॉल करने वालों ने कथित तौर पर उसे अपना कैमरा चालू करने, अपना कमरा बंद करने और अपने परिवार के सदस्यों को सूचित नहीं करने को कहा।
प्राथमिकी में कहा गया है कि उन्होंने उससे "पूछताछ" की, उसके बैंक खातों का विवरण एकत्र किया और उसे एक अन्य व्यक्ति से जोड़ा जिसने खुद को आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) का प्रमुख बताया।
शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपियों ने उसे जांच में शामिल होने के लिए लखनऊ कार्यालय आने का निर्देश दिया, लेकिन उसने अनिच्छा व्यक्त की।
प्राथमिकी के अनुसार पीड़ित को कथित तौर पर "निधि वैधीकरण" के लिए धनराशि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा कथित रूप से अनुमोदित एक खाते में स्थानांतरित करने के लिए कहा गया। प्राथमिकी के अनुसार, धमकियों से घबराकर, शिकायतकर्ता ने अपने बैंक खाते से आरटीजीएस के माध्यम से 8.9 लाख रुपये और ऑनलाइन भुगतान एप्लिकेशन के माध्यम से एक यूपीआई आईडी पर 77,000 रुपये भेज दिए।
पुलिस ने बताया कि बाद में, आरोपियों ने उक्त व्यक्ति को एक जाली जमानत याचिका भेजी, जिसमें उसकी "रिहायी" के लिए चार लाख रुपये और मांगे गए। पुलिस ने बताया कि जब व्यक्ति ने और पैसे देने से इनकार कर दिया, तो कॉल करने वालों ने फोन काट दिए और स्विच ऑफ कर दिए।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया, ‘‘इन अज्ञात व्यक्तियों की धोखाधड़ी की वजह से मुझे कुल 9,67,000 रुपये का नुकसान हुआ है और मानसिक प्रताड़ना भी सहनी पड़ी है।’’
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 14 अक्टूबर को भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) के तहत एक मामला दर्ज किया गया है और आरोपियों का पता लगाने और ठगी गई रकम की वसूली के प्रयास जारी हैं।
इससे पहले, लगभग इसी तरह से, दक्षिण दिल्ली के 78 वर्षीय एक सेवानिवृत्त बैंकर ने 4 अगस्त से 4 सितंबर के बीच एक ‘डिजिटल अरेस्ट’ धोखाधड़ी में लगभग 23 करोड़ रुपये गंवा दिए थे। आरोपियों ने उन पर पुलवामा आतंकी हमले के लिए धन मुहैया कराने में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें धमकी दी थी।
चौदह फरवरी, 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में एक आतंकी हमला हुआ था, जब विस्फोटकों से लदे एक वाहन ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जवानों के काफिले को टक्कर मार दी। इस विस्फोट में कम से कम 40 जवान शहीद हो गए। हमलावर की पहचान पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य आदिल अहमद डार के रूप में हुई।
भाषा अमित