'ओआरएस' ब्रांडिंग वाले पेय पदार्थों की बिक्री पर रोक संबंधी एफएसएसएआई के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज
सुरेश रंजन
- 03 Nov 2025, 06:05 PM
- Updated: 06:05 PM
नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है, जिसमें किसी भी फल-आधारित, गैर-कार्बोनेटेड या ‘रेडी-टू-ड्रिंक’ पेय पदार्थ पर ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट (ओआरएस) लेबलिंग पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया था।
उच्च न्यायालय ने कहा कि एफएसएसएआई द्वारा उठाए गए कदम "गंभीर जन स्वास्थ्य चिंताओं" से प्रेरित हैं और ये नियामक उपाय पूरे खाद्य उद्योग पर लागू होते हैं।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने 31 अक्टूबर को पारित एक आदेश में, एफएसएसएआई के 14 और 15 अक्टूबर के उन आदेशों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसके तहत उसने खाद्य और पेय पदार्थ कंपनियों को अपने लेबलिंग में ‘‘ओआरएस’’ शब्द का उपयोग करने की अनुमति वापस ले ली थी, जब तक कि वे मानक चिकित्सा संयोजन विधि (फॉर्मूलेशन) को पूरा नहीं करते।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में, यह अदालत एफएसएसएआई द्वारा 30 अक्टूबर, 2025 को पारित उपरोक्त आदेश पर रोक लगाने की इच्छुक नहीं है। यह विशेष रूप से ओआरएस फॉर्मूलेशन की चिकित्सीय आवश्यकता वाले लोगों द्वारा आपत्तिजनक उत्पादों के सेवन से होने वाले हानिकारक प्रभावों और प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणामों के मद्देनजर है।’’
अदालत ने आगे कहा कि उसे जन स्वास्थ्य के मद्देनजर एफएसएसएआई द्वारा उठाए गए कदमों पर रोक लगाना उचित नहीं लगता।
अदालत ने डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एफएसएसएआई के उस निर्देश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उसके ब्रांड रेबलान्ज विटर्स के लिए 'ओआरएस' लेबल के उपयोग से रोक दिया गया था।
फार्मा कंपनी के वकील ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि याचिकाकर्ता ने अपने उत्पादों के नये स्टॉक का निर्माण बंद कर दिया है।
कंपनी की यह भी दलील थी कि वह संबंधित खाद्य उत्पादों के अपने मौजूदा स्टॉक या सूची को पुनः लेबल लगाने या पुनः ब्रांडिंग को तैयार है और याचिकाकर्ता को होने वाले अपूरणीय और भारी नुकसान से बचाने के लिए आपूर्ति शृंखला में पहले से मौजूद स्टॉक को बेचने की अनुमति दी जाए।
हालांकि, अदालत ने कहा कि वह इस संबंध में इन कार्यवाहियों में कोई निर्देश देने की इच्छुक नहीं है, सिवाय इसके कि वह नियामक संस्था को याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत किए गए अभ्यावेदन के संबंधित पहलुओं पर विचार करने का निर्देश दे।
ओआरएस, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित ‘ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन फॉर्मूलेशन’ का संक्षिप्त नाम है और इसे निर्जलीकरण से पीड़ित लोगों को दिया जाता है।
एफएसएसएआई के वकील ने कंपनी के इस अनुरोध का विरोध किया कि उसे बाजार में पहले से मौजूद स्टॉक को रेबलान्ज वीआईटीओआरएस मार्क के साथ बेचने की अनुमति दी जाए।
भाषा सुरेश