दिल्ली अक्टूबर में देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर : अध्ययन
प्रशांत मनीषा
- 04 Nov 2025, 05:04 PM
- Updated: 05:04 PM
नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) अक्टूबर माह में दिल्ली देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जो पड़ोसी गाजियाबाद और नोएडा से पीछे है। एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई।
‘सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर’ (सीआरईए) द्वारा मंगलवार को जारी मासिक वायु गुणवत्ता आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा का धारूहेड़ा अक्टूबर में सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां मासिक औसत पीएम 2.5 सांद्रता 123 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी।
उसने सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (सीएएक्यूएमएस) आंकड़ों के आधार पर भारत की वायु गुणवत्ता का व्यापक विश्लेषण प्रदान किया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “निष्कर्षों से पता चला कि देश भर में वायु गुणवत्ता में तीव्र गिरावट आई है, तथा स्थिति और भी खराब हो गई है, खासकर सिंधु-गंगा के मैदानी इलाकों (आईजीपी) में, विशेषकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में।”
इसमें कहा गया है कि दिल्ली 107 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर³ की औसत सांद्रता के साथ छठे स्थान पर रही, जो सितंबर के औसत 36 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर³ से तीन गुना अधिक है।
अक्टूबर में दिल्ली के पीएम 2.5 के स्तर में पराली जलाने का योगदान छह प्रतिशत से भी कम होने के बावजूद, यह तीव्र वृद्धि वर्ष भर के उत्सर्जन स्रोतों के प्रभाव और क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना जैसे अल्पकालिक मौसमी उपायों से परे दीर्घकालिक शमन योजनाओं की आवश्यकता को उजागर करती है।
अक्टूबर में धारूहेड़ा को सबसे प्रदूषित शहर का दर्जा दिया गया, जहां मासिक औसत पीएम2.5 की सांद्रता 123 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर³ थी, जो 77 प्रतिशत दिनों में राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (एनएएक्यूएस) सीमा को पार कर गई।
महीने के दौरान दो दिन ‘गंभीर’ और नौ दिन ‘बेहद खराब’ दर्ज किए गए। धारूहेड़ा के बाद, रोहतक, गाजियाबाद, नोएडा, बल्लभगढ़, दिल्ली, भिवाड़ी, ग्रेटर नोएडा, हापुड़ और गुरुग्राम सबसे प्रदूषित शहर रहे।
कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के चार-चार शहर शीर्ष 10 की सूची में शामिल हैं, जो सभी एनसीआर में स्थित हैं।
मेघालय का शिलांग अक्टूबर में भारत का सबसे स्वच्छ शहर रहा, जहां औसत पीएम 2.5 सांद्रता 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर³ थी। शीर्ष 10 सबसे स्वच्छ शहरों में कर्नाटक के चार, तमिलनाडु के तीन और मेघालय, सिक्किम और छत्तीसगढ़ का एक-एक शहर शामिल था।
देश के 249 शहरों में से 212 में पीएम2.5 का स्तर भारत के एनएएक्यूएस 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर³ से कम दर्ज किया गया। हालांकि, केवल छह शहर ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर³ के दैनिक सुरक्षित दिशानिर्देश को पूरा कर पाए।
‘अच्छी’ वायु गुणवत्ता (0-30 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर³) वाले शहरों की संख्या सितंबर के 179 से घटकर अक्टूबर में 68 हो गई, जबकि ‘संतोषजनक’ श्रेणी (31-60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर³) वाले शहरों की संख्या 52 से बढ़कर 144 हो गई।
‘मध्यम’ श्रेणी (61-90 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर³) वाले शहरों की संख्या चार से बढ़कर 27 हो गई, जबकि नौ शहर ‘खराब’ (91-120 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर³) श्रेणी में आ गए और एक शहर ‘बहुत खराब’ (121-250 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर³) श्रेणी में पहुंच गया।
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