नगर निकाय चुनावों के लिए विधानसभा चुनावों की मतदाता सूची ही अपनाएगा महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग
प्रशांत अविनाश
- 04 Nov 2025, 05:52 PM
- Updated: 05:52 PM
मुंबई, चार नवंबर (भाषा) मुंबई उच्च न्यायालय को 18 वर्षीय एक लड़की की याचिका पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को बताया गया कि राज्य निर्वाचन आयोग नगर निकाय चुनावों के लिए विधानसभा चुनावों की मतदाता सूची का प्रयोग करेगा।
याचिकाकर्ता रूपिका सिंह ने दावा किया था कि अप्रैल 2025 में 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद मतदाता के रूप में नामांकन के लिए उसका आवेदन स्वीकार नहीं किया गया।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसका आवेदन स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि राज्य में मतदाता सूची में किसी भी संशोधन के लिये अंतिम तिथि एक अक्टूबर, 2024 थी। महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव नवंबर, 2024 में हुए थे।
अपने वैधानिक मताधिकार के उल्लंघन का दावा करते हुए सिंह ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि वह महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दे कि उसका आवेदन स्वीकार किया जाए और समयबद्ध तरीके से उस पर कार्रवाई की जाए।
याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश देने का भी अनुरोध किया कि याचिका की सुनवाई और निपटारे तक उसका नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाए।
राज्य चुनाव आयोग की ओर से पेश हुए वकील आशुतोष कुंभकोनी ने न्यायमूर्ति आर.आई. चागला और न्यायमूर्ति फरहान दुबाश की पीठ को बताया कि विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची का ही नगर निकाय चुनाव में प्रयोग किया जाएगा।
सिंह की याचिका में कहा गया है कि सभी नगर निगमों के लिए मतदाता सूची का मसौदा छह नवंबर को प्रकाशित किया जाएगा।
याचिका में कहा गया है कि जब तक याचिकाकर्ता मतदाता के रूप में नामांकित नहीं हो जाती, तब तक उसका नाम बीएमसी चुनावों की मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।
इस वर्ष अप्रैल में 18 वर्ष की होने के बाद, सिंह ने स्वयं को मतदाता के रूप में नामांकित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के पोर्टल के माध्यम से आवेदन करने का प्रयास किया। हालांकि, वह अपना आवेदन प्रस्तुत नहीं कर सकी क्योंकि दो अक्टूबर 2024 को या उसके बाद 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले महाराष्ट्र के नागरिकों के लिए अपनी जन्मतिथि चुनने का कोई विकल्प नहीं था।
याचिका में कहा गया कि सिंह ने इसके बाद अपना आवेदन ‘ऑफलाइन’ जमा करने का प्रयास किया, लेकिन वह भी स्वीकार नहीं किया गया।
बाद में उन्हें पता चला कि स्थानीय निकाय चुनावों के लिए नामांकन की अंतिम तिथि एक जुलाई, 2025 निर्धारित की गई है, जिसका अर्थ है कि केवल उन्हीं युवा नागरिकों को मतदान करने की अनुमति होगी, जिनके नाम एक जुलाई, 2025 तक मतदाता सूची में शामिल होंगे।
सिंह ने दावा किया कि उनके आवेदन को अस्वीकार करने से “वोट डालने के रूप में उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन हुआ है”।
पीठ इस मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगी।
भाषा प्रशांत