एसआईआर को लेकर ममता का भाजपा व ईसी पर हमला; कहा : पात्र मतदाता के हटने पर केंद्र सरकार गिर जाएगी
राजकुमार अविनाश
- 04 Nov 2025, 08:55 PM
- Updated: 08:55 PM
(तस्वीरों के साथ)
कोलकाता, चार नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और निर्वाचन आयोग पर तीखा हमला बोला। ममता ने उन पर 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले ‘चुपचाप, अदृश्य तरीके से धांधली’ के लिए मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को एक राजनीतिक औजार में बदलने का आरोप लगाया।
ममता बनर्जी ने चेतावनी दी कि यदि मतदाता सूचियों से एक भी पात्र मतदाता को हटाया गया तो नरेन्द्र मोदी सरकार का गिरना ‘तय’ है ।
वह कोलकाता में धर्मतला से रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर जोरासांको तक एक विशाल एसआईआर विरोधी रैली का नेतृत्व कर रही थीं तथा उनके साथ उनके भतीजे और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी थे।
तृणमूल सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि भाजपा और निर्वाचन आयोग मिलकर ‘विपक्ष शासित राज्यों के मतदाताओं को हटाने के लिए सांठगांठ कर रहे हैं’ जबकि भाजपा शासित राज्यों को छोड़ दिया गया है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में एसआईआर करवा रही है, लेकिन भाजपा शासित असम, त्रिपुरा एवं अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में ऐसा नहीं किया जा रहा है।’’
अगले साल केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव होने हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पक्षपात क्यों है? यह तो स्पष्ट भेदभाव है, जिसका उद्देश्य केंद्र में सत्तारूढ़ दल की मदद करना है।’’
तृणमूल सुप्रीमो ने चेतावनी दी, ‘‘अगर एक भी पात्र मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया गया, तो भाजपा सरकार हिल जाएगी। इस सरकार का गिरना तय है।’’
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘2002 में बंगाल के आखिरी एसआईआर को पूरा होने में दो साल लगे थे। इस बार एक महीने में खत्म करने की इतनी जल्दी क्यों? सिर्फ़ मोदी बाबू और अमित शाह को खुश करने के लिए।’’
मुख्य निर्वाचन आयुक्त पर निशाना साधते हुए तृणमूल सुप्रीमो उन्हें ‘कुर्सी बाबू’ कहती हैं।
पश्चिम बंगाल में अवैध मतदाताओं के भाजपा के दावे पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘वे कहते हैं कि वह बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को बाहर निकाल देंगे। एसआईआर के बाद उन्हें बिहार में कितने रोहिंग्या मिले? सिर्फ बांग्ला बोलने से कोई बांग्लादेशी नहीं बन जाता। उर्दू बोलने से कोई पाकिस्तानी नहीं बन जाता। बंगाल की पहचान का इस तरह अपमान नहीं किया जा सकता।’’
तृणमूल प्रमुख ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर पाखंड का आरोप लगाया।
उन्होंने बिना नाम लिए आरोप लगाया, ‘‘वह हमारी तथाकथित वंशवादी राजनीति की आलोचना करते हैं, फिर उन्होंने अपने ही बेटे को सर्वोच्च पद पर बिठाया है।’’
निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा कि अगर किसी के माता-पिता का नाम सूची में नहीं है, तो क्या उन्हें फिर से साबित करना होगा कि उनका जन्म इसी राज्य में हुआ था?
उन्होंने कहा, ‘‘आयोग मतदाता सूची में कई भ्रम पैदा कर रहा है। इन गलतियों की ज़िम्मेदारी कौन लेगा? क्या यह बेहतर नहीं होता कि यह प्रक्रिया चुनाव के बाद की जाती? क्या हमें जन्म और आज़ादी के इतने सालों बाद भी अपनी नागरिकता साबित करनी होगी?’’
उन्होंने कहा कि तृणमूल इस मुद्दे के खिलाफ सड़कों और अदालतों, दोनों जगह लड़ाई जारी रखेगी।
ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘अगर वे विधानसभा चुनावों के बाद एसआईआर करवाते हैं, तो हम अपना समर्थन देते। लेकिन चुनाव से कुछ महीने पहले आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? यह मतदाताओं को डराने-धमकाने के लिए राजनीति से प्रेरित एक कदम के अलावा और कुछ नहीं है।’’
बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि ‘मैपिंग’ के नाम पर कई मतदाताओं के नाम पहले ही हटाए जा चुके हैं और एसआईआर प्रक्रिया से पैदा हुई दहशत के कारण कई लोगों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इस अराजकता के पीछे भाजपा का हाथ है। लोग उनके द्वारा फैलाए जा रहे डर के कारण मर रहे हैं।’’
केंद्र की विवादास्पद नीतियों की आपस में तुलना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैंने नोटबंदी का विरोध किया था। फिर भी वह इस दिशा में आगे बढ़ी। लोगों को क्या मिला? सिवाय कठिनाई और अपमान के। और फिर भी उसने (सरकार ने) कभी माफी नहीं मांगी। कैसी बेशर्म सरकार है।’’
संस्थानों को नियंत्रित करने के कथित जुनून के लिए भाजपा की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ वह सौदेबाज़ी में जीत सकती है, वह जोड़-तोड़ से जीत सकती है, लेकिन वह जनादेश कभी नहीं जीत पायेगी। उसके पास बड़े बाबू, छोटे बाबू और मंझोले बाबू हैं। मैं कुर्सी का सम्मान करती हूं, लेकिन आप कितना झुक सकते हैं, इसकी भी एक सीमा होती है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उन्होंने उत्पीड़न की सारी हदें पार कर दी हैं।
भीड़ के साथ भावुकता से संवाद करते बनर्जी ने पूछा, ‘‘सात बार सांसद, तीन बार मुख्यमंत्री और चार बार केंद्रीय मंत्री रहने के बाद, क्या मुझे अब भी यह साबित करना होगा कि मैं बांग्लादेशी नहीं हूं?’’
उन्होंने भाजपा पर पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची से ‘‘करीब दो करोड़ मतदाताओं’’ के नाम हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘(पश्चिम बंगाल के) लोगों को सिर्फ़ इसलिए बांग्लादेशी करार दिया जा रहा है क्योंकि वे दूसरे राज्यों में काम करते हैं। ये अनपढ़ हमारी आज़ादी के इतिहास के बारे में कुछ नहीं जानते। कभी भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश एक थे। आज़ादी के बाद जिंदगी उन्हें जहां ले गयी वे वहां चले गये।’’
ममता बनर्जी ने दोहराया कि उनका राज्य केंद्र के आगे नहीं झुकेगा और ‘‘यह सिर्फ़ बंगाल की बात नहीं है। यह भारत की आत्मा, मताधिकार...की बात है। हम बंगाल में और ज़रूरत पड़ने पर दिल्ली में भी इसके ख़िलाफ़ लड़ेंगे।’’
भाषा राजकुमार