मप्र में एसआईआर शुरू, कांग्रेस ने जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया तो भाजपा ने किया मंथन
खारी
- 04 Nov 2025, 11:08 PM
- Updated: 11:08 PM
भोपाल, चार नवंबर (भाषा) निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को मध्यप्रदेश के 55 जिलों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की शुरुआत कर दी। इस पहल पर जहां विपक्षी कांग्रेस ने इसे जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया, वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी तैयारियों को लेकर रणनीतिक मंथन बैठक की।
उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राम प्रताप सिंह जादौन ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा कि एसआईआर की शुरुआत के साथ ही प्रदेश में मतदाता सूची के सुधार और सत्यापन का कार्य आरंभ हो गया है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए 65,014 मतदान केंद्रों पर एक-एक ब्लॉक स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) को तैनात किया गया है, जो घर-घर जाकर मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और अद्यतन करने का काम करेंगे।
निर्वाचन आयोग ने पहले ही घोषणा की थी कि मध्यप्रदेश सहित देश के 12 राज्यों में चार नवंबर से एसआईआर शुरू किया जाएगा।
इसके तहत बीएलओ मतदाताओं को गणना प्रपत्र उपलब्ध कराएंगे ताकि सूची में सुधार किया जा सके।
जादौन ने कहा, ‘‘बीएलओ ने आज से घर-घर जाकर गणना प्रपत्र देने का कार्य शुरू कर दिया है। यह उनका पहला दौरा है और तीन चरणों में यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी।”
उन्होंने बताया कि गणना प्रपत्रों की जांच के बाद नौ दिसंबर को मसौदा मतदाता सूची जारी की जाएगी।
इसके बाद आठ जनवरी तक दावे और आपत्तियां ली जाएंगी तथा 31 जनवरी तक सभी दावों का निस्तारण किया जाएगा। अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
जादौन ने कहा कि इस प्रक्रिया के लिए पर्याप्त समय निर्धारित किया गया है और समयसीमा बढ़ाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस अभियान को जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘निर्वाचन आयोग भाजपा की कठपुतली बन गया है और एसआईआर के ज़रिए सत्तारूढ़ दल के एजेंडे को आगे बढ़ाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के लोग डरते हैं। अगर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं तो सबकुछ साफ़ हो जाएगा।”
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यालय में एसआईआर को लेकर कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं को अभियान की रूपरेखा और तैयारियों की जानकारी दी गई।
खंडेलवाल ने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य स्पष्ट है—सही लोगों के नाम सूची में बने रहें और गलत या फर्जी नाम हटाए जाएं।”
इससे पहले बिहार में एसआईआर अभियान शुरू होने पर भी विपक्ष ने आपत्ति जताई थी। विपक्षी दलों का आरोप था कि इस प्रक्रिया के दौरान लाखों वैध मतदाताओं के नाम सूची से काट दिए गए। हालांकि, निर्वाचन आयोग ने इन आरोपों को “बेबुनियाद” बताते हुए खारिज किया था।
भाषा सं ब्रजेन्द्र