किसान प्रदर्शन: कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर केंद्र पर दोष मढ़ने का आरोप लगाया
राजकुमार माधव
- 07 Nov 2025, 05:01 PM
- Updated: 05:01 PM
मैसुरु, सात नवंबर (भाषा) जनता दल सेकुलर (जदएस) और केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर कर्नाटक में किसानों के विरोध प्रदर्शन के संबंध में उचित निर्णय लेने में विफल रहने और केंद्र पर दोष मढ़ने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि लगता है कि सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने यह भी आशंका व्यक्त की कि मुख्यमंत्री और सरकार कुछ उन मंत्रियों के दबाव में आ जायेगी जो चीनी मिलों के मालिक हैं।
बेलगावी जिले के मुदलागी तालुक में गुरलापुर चौराहे पर गन्ना किसानों का विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को नौवें दिन भी जारी रहा। यह विरोध प्रदर्शन बेलगावी, बागलकोट, विजयपुरा, हावेरी जैसे उत्तरी कर्नाटक के विभिन्न जिलों में भी फैल गया है। किसान गन्ने के लिए 3,500 रुपये प्रति टन का उचित मूल्य मांग रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन तेज होने के साथ, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को किसान नेताओं और चीनी मिलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक बुलाई है।
कुमारस्वामी ने कहा,‘‘एक ओर मुझे इस सरकार पर गुस्सा आ रहा है, वहीं दूसरी ओर उनकी स्थिति और जिस तरह से वे सरकार चला रहे हैं, उस पर मुझे तरस भी आ रहा है। सिद्धरमैया हाल के दिनों में सक्रिय नेताओं में सबसे वरिष्ठ नेता हैं। वह दो बार उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं तथा वित्त मंत्री के रूप में लगभग 14 बजट पेश कर चुके हैं।’’
पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने यहां पत्रकारों से बातचीत में पूछा कि इतना अनुभव होने के बावजूद, सिद्धरमैया पिछले आठ-नौ दिनों से उत्तरी कर्नाटक के कई जिलों में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान उचित निर्णय क्यों नहीं ले पाए।
उन्होंने कहा,‘‘यह कोई ऐसा फैसला नहीं है जो जनप्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर लिया जा सके। मेरे हिसाब से यह एक छोटा सा मामला है, जिसका फैसला वह खुद कर सकते हैं। उन्होंने छोटे से मुद्दे को बड़ा हो जाने दिया है।’’
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री और उनकी सरकार की मीडिया के जरिए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग करने और गन्ना किसानों के विरोध प्रदर्शन के समाधान के लिए पत्र लिखने पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘किस राज्य सरकार ने ऐसा किया है? इसका श्रेय सिर्फ सिद्धरमैया को जाता है।’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है, क्योंकि ‘‘जब मैं भाजपा और कांग्रेस दोनों के साथ गठबंधन में दो बार मुख्यमंत्री बना, तो मैंने कभी भी केंद्र पर दोष नहीं मढ़ा और न ही गन्ना किसानों का मुद्दा उठने पर प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने को कहा। मुख्यमंत्री के रूप में मैंने निर्णय लिए और किसानों को कभी भी सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी।’’
भाषा राजकुमार