छत्तीसगढ़ के दो ‘इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब’ को मिला राष्ट्रीय स्तर का गुणवत्ता प्रमाणपत्र
संजीव जितेंद्र
- 20 Nov 2025, 04:34 PM
- Updated: 04:34 PM
रायपुर, 20 नवंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के जिला अस्पताल पंडरी और जिला अस्पताल बलौदाबाजार की इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब (आईपीएचएल) को भारत सरकार के राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर का गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि जिला अस्पताल पंडरी को प्रथम और जिला अस्पताल बलौदाबाजार को देश ती द्वितीय प्रमाणित लैब का प्रमाणपत्र दिया गया है।
उन्होंने बताया कि जनवरी 2024 से नवंबर 2025 के बीच राज्य की कुल 832 स्वास्थ्य संस्थाओं का राष्ट्रीय मानकों के आधार पर मूल्यांकन और प्रमाणीकरण किया गया है, जिनमें दंतेवाड़ा के दूरस्थ क्षेत्र चिंतागुफा जैसे दुर्गम इलाकों के स्वास्थ्य केंद्र भी शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि देश में पहली बार किसी राज्य में प्रयोगशालाओं की इतनी बड़ी और व्यवस्थित श्रृंखला का मूल्यांकन व प्रमाणीकरण हुआ है, जिसने छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट स्थान दिलाया है।
उन्होंने बताया कि दोनों प्रयोगशालाओं का मूल्यांकन भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नामित विशेषज्ञ मूल्यांकनकर्ताओं के दलों ने किया।
अधिकारियों ने बताया कि पंडरी का मूल्यांकन इस वर्ष 10 सितंबर को जबकि बलौदाबाजार का मूल्यांकन 11 सितंबर को किया गया।
उन्होंने बताया कि दोनों दलों ने लैब की कार्यप्रणाली, मरीज केंद्रित सेवाएं, गुणवत्ता नियंत्रण, समयबद्ध रिपोर्टिंग और सुरक्षा प्रक्रियाओं की गहन समीक्षा की, जिसमें पंडरी को 90 फीसदी और बलौदाबाजार को 88 फीसदी अंकों के साथ प्रमाणन प्राप्त हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि ‘इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब’ की अवधारणा का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मरीजों को एक ही छत के नीचे पैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित सभी प्रकार की जांच सुविधाएं उपलब्ध हों।
राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की आयुक्त सह संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक कार्यक्रम भारत सरकार का एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसके जरिए सरकारी अस्पतालों में गुणवत्ता सुधार को संस्थागत स्वरूप दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में निर्धारित ‘चेकलिस्ट’ बेहद व्यापक है और प्रमाणन तभी मिलता है जब कोई संस्थान सभी मानकों पर सतत उत्कृष्टता प्रदर्शित करे।
डॉ. प्रियंका ने कहा कि छत्तीसगढ़ की दोनों प्रयोगशालाओं ने जिस दक्षता और अनुशासन के साथ सभी मापदंडों को पूरा किया है, वह राज्य के स्वास्थ्य तंत्र की मजबूती और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भाषा संजीव